झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ उन्होंने विधायकी और मंत्री पद भी छोड़ दिया। पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन को संबोधित अपने इस्तीफे में चंपाई ने कहा कि आदिवासियों के हितों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह झामुमो की मौजूदा कार्यप्रणाली से बहुत दुखी थे, इसलिए पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं।
इससे पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई ने कहा कि वह झारखंड के हित के लिए भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। चंपाई ने कहा कि वह किसी भी स्थिति से डरे नहीं हैं। उन्होंने इस सप्ताह नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। वह बुधवार को अपने बेटे के साथ रांची पहुंचे जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
इससे पहले, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दिन में आरोप लगाया था कि चंपाई सोरेन की पिछले पांच महीनों से उनकी अपनी सरकार की पुलिस ही जासूसी कर रही थी।
शर्मा ने दावा किया था कि चंपाई सोरेन के करीबी लोगों ने दिल्ली के एक होटल में झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो उप निरीक्षकों (एसआई) को पूर्व मुख्यमंत्री पर नजर रखते हुए पकड़ा था। चंपाई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।