Bomb threat to flights: भारतीय विमानन कंपनियों को रविवार को कम से कम 50 विमानों में बम होने की धमकी मिली जिससे दो उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पिछले 14 दिनों में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 350 से अधिक उड़ानों में बम होने की झूठी धमकी मिली है। ज्यादातर धमकियां सोशल मीडिया के जरिए दी गईं।
‘अकासा एअर’ ने रविवार को कहा कि उसकी 15 उड़ानों को सुरक्षा अलर्ट मिला और गहन निरीक्षण के बाद सभी विमानों को परिचालन की अनुमति दी गई। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंडिगो की 18 उड़ानों और विस्तारा की 17 उड़ानों के दौरान विमान में बम होने की धमकियां मिलीं।
धमकियों के बाद इंडिगो की कम से कम दो उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि इसकी उड़ान 6ई 133 (पुणे से जोधपुर) को अहमदाबाद और 6ई 87 (कोझिकोड से दम्मम) को मुंबई की ओर मोड़ दिया गया।
इंडिगो के बयान के मुताबिक, जिन उड़ानों को सुरक्षा संबंधी अलर्ट मिले उनमें 6ई 11 (दिल्ली-इस्तांबुल), 6ई 92 (जेद्दा-मुंबई), 6ई 112 (गोवा-अहमदाबाद), 6ई 125 (बेंगलुरु-झारसुगुड़ा), 6ई 127 (अमृतसर-अहमदाबाद) और 6ई 135 (कोलकाता-पुणे) शामिल हैं। जिन अन्य उड़ानों में बम होने की झूठी धमकी दी गई उनमें 6ई 149 (हैदराबाद से बागडोगरा), 6ई 173 (दिल्ली से बेंगलुरु), 6ई 175 (बेंगलुरु से दिल्ली), 6ई 197 (रायपुर से हैदराबाद), 6ई 248 (मुंबई से कोलकाता), 6ई 277 (अहमदाबाद-लखनऊ), 6ई 312 (बेंगलुरु से कोलकाता), 6ई 235 (कोलकाता-बेंगलुरु) और 6ई 74 (रियाद-मुंबई) शामिल हैं।
Also read: पहला C-295 विमान सितंबर 2026 में गुजरात के वडोदरा प्लांट में तैयार होने की संभावना
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने रविवार को कहा कि केंद्र उन अपराधियों को उड़ान भरने से प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रहा है, जो बम होने की झूठी धमकियां देते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इन फर्जी खतरों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, कानून प्रवर्तन शाखा और गुप्तचर ब्यूरो की मदद लेने के अलावा केंद्र सरकार दो नागरिक उड्डयन कानूनों में संशोधन करने पर भी विचार कर रही है।
विमानन कंपनियों को लगातार बम की धमकियां मिलने की पृष्ठभूमि में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों से दायित्वों का पालन करने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत सख्ती के साथ निर्धारित समयसीमा के भीतर गलत सूचना तक पहुंच को तुरंत अवरुद्ध करने के लिए कहा है।