Mahila Samridhi Yojana: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बताया कि महिला समृद्धि योजना को लागू करने के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता वह स्वयं करेंगी। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को हर महीने ₹2,500 की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने इस योजना के लिए ₹5,100 करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है। उन्होंने कहा, “हमने आज कैबिनेट बैठक में चुनावी वादे को पूरा करने का फैसला किया। इस योजना को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, जिससे दिल्ली की गरीब महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।”
#WATCH | Delhi government approves ‘Mahila Samridhi Yojana’ to provide Rs 2500 to women | Delhi CM Rekha Gupta says, “Today is Women’s Day. We had our cabinet meeting today, and our cabinet has approved the scheme – the promise that we made during the Delhi elections to provide… pic.twitter.com/SNuhRAv7PY
— ANI (@ANI) March 8, 2025
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस योजना की निगरानी के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसमें उनके अलावा वरिष्ठ मंत्री आशीष सूद, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए एक विशेष वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने महिला समृद्धि योजना के तहत हर महीने ₹2,500 देने का वादा किया था, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के ₹2,100 प्रति माह की घोषणा से ज्यादा था। यह रणनीति बीजेपी के पक्ष में गई और 70 में से 48 सीटें जीतकर पार्टी ने 26 साल बाद दिल्ली में सत्ता हासिल की।
चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को केवल 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।
महिला समृद्धि योजना: क्या है यह योजना?
दिल्ली सरकार ने महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए महिला समृद्धि योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत हर साल 5,100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता सीधे महिलाओं को दी जाएगी। सरकार का कहना है कि यह योजना खासतौर पर गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई है।
योजना की खास बातें
इस योजना की निगरानी के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता रेखा गुप्ता कर रही हैं। इस समिति में कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद और कपिल मिश्रा भी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि तकनीक की मदद से योजना को प्रभावी, पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा, ताकि लाभार्थियों तक समय पर सहायता पहुंच सके।