मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से सीमा शुल्क के लिए माफी योजना की घोषणा कर सकती हैं।
प्राइस वॉटरहाउस ऐंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल ने कहा, ‘उद्योग की मुख्य मांगें निश्चित रूप से सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप होंगी और सरकार का उद्देश्य मुकदमेबाजी में कमी लाना है। इस मोर्चे पर, सीमा शुल्क के लिए माफी योजना, विशेष रूप से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पहले के विरासती करों जैसे अतिरिक्त शुल्क, विशेष अतिरिक्त शुल्क को कवर करना उद्योग की मांगों में से एक रहा है।’
सरकार ने पहले भी उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा आयकर के लिए माफी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन सीमा शुल्क के लिए ऐसा कोई कदम नहीं
उठाया था।
अनुमान है कि अकेले सीमा शुल्क से संबंधित 40,000 से अधिक मामले विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में लंबित हैं। एक अन्य परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया ने कहा कि सीमा शुल्क से संबंधित मुकदमे विभिन्न मंचों पर लंबे समय से लंबित हैं और इन्हें सुलझाने के लिए करदाता और सरकार दोनों को काफी समय और प्रयास खर्च करने की आवश्यकता है।