केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने झूठे दावों के लिए आईक्यूआरए आईएएस संस्थान (IQRA IAS institute) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
संस्थान ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के शीर्ष स्थान पाने वालों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन दिया था। सीसीपीए ने इस विज्ञापन और वेबसाइट से झूठे दावों को तुरंत हटाने का निर्देश भी दिया है।
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की पीठ ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Service Exam) में वर्ष 2015 और 2017 के शीर्ष स्थान पाने वालों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए आईक्यूआरए आईएएस संस्थान के खिलाफ यह आदेश दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
सीसीपीए ने पाया कि आईक्यूआरए आईएएस संस्थान ने अपनी बेवसाइट के जरिये जानबूझकर और गलत तरीके से 2015 और 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के शीर्ष स्थान पाने वालों की तारीफ करते हुए उन्हें अपने छात्रों के रूप में पेश किया, जबकि संस्थान की स्थापना 2018 में हुई थी। इस मामले में सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए संस्थान को नोटिस जारी किया है।
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