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क्या भारत में कोरोना की वापसी? चार दिन में 168% बढ़े एक्टिव केस, सक्रिय मामलों की संख्या 2,700 पार

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस उछाल का कारण ओमिक्रॉन परिवार के JN.1, XFG और LF 7.9 वेरिएंट्स हैं, जो हल्के लक्षणों वाले संक्रमण फैलाते हैं।

Last Updated- May 31, 2025 | 1:19 PM IST
Covid 19
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Freepik

भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 30 मई तक देश में 2,710 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। यह चार दिनों में 168 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है, क्योंकि 26 मई तक यह संख्या 1,010 थी। देश के कुल मामलों में से 77 प्रतिशत मामले केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात से सामने आए हैं। इस महीने कोविड-19 से कम से कम सात लोगों की मृत्यु की खबर है, हालांकि आंकड़े अभी पुष्टि के लिए प्रक्रिया में हैं।

केरल में सबसे ज्यादा 1,147 सक्रिय मामले हैं, जो पिछले चार दिनों में 717 मामलों की बढ़ोतरी दर्शाता है। महाराष्ट्र में 424 मामले हैं, जिनमें से 40 मामले गुरुवार को दर्ज किए गए। दिल्ली में भी 190 नए मामलों के साथ कुल 294 सक्रिय मामले हैं। गुजरात 223 मामलों के साथ 200 का आंकड़ा पार करने वाला चौथा राज्य बन गया है। इसके अलावा, कर्नाटक और तमिलनाडु में 148-148 मामले और पश्चिम बंगाल में 116 मामले दर्ज किए गए हैं।

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नए वेरिएंट्स और सरकार की तैयारियां

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस उछाल का कारण ओमिक्रॉन परिवार के JN.1, XFG और LF 7.9 वेरिएंट्स हैं, जो हल्के लक्षणों वाले संक्रमण फैलाते हैं। भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में LF.7 वेरिएंट के चार मामले और तमिलनाडु में NB.1.8.1 सब-वेरिएंट का एक मामला सामने आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगापुर में फैल रहे LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट्स, जो JN.1 के वंशज हैं, भारत में भी मामलों को बढ़ा रहे हैं।

इस बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में कई समीक्षा बैठकें की हैं, विशेषकर हांगकांग और सिंगापुर में मामलों की बढ़ोतरी के बाद। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत में मामले बढ़ रहे हैं, और अब उत्तरी क्षेत्रों में भी उछाल देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, “एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के जरिए हम पूरे देश में स्थिति पर नजर रख रहे हैं।”

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज घर पर ही इलाज करा रहे हैं। मंत्रालय और उसकी एजेंसियां स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

First Published - May 31, 2025 | 1:09 PM IST

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