एक नया साइबर घोटाला सामने आया है, जिसमें बेरोजगार युवाओं, गृहणियों, छात्रों और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया जाता है और वे बड़ी रकम गंवा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसे ‘पिग बुचरिंग स्कैम’ या ‘निवेश घोटाले’ के रूप में भी जाना जाता है। साइबर अपराधी इन अपराधों को शुरू करने के लिए गूगल का भी उपयोग कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, ‘गूगल विज्ञापन मंच सीमा पार से लक्षित विज्ञापन के लिए एक आसान सुविधा प्रदान करता है। ‘पिग बुचरिंग स्कैम’ या ‘निवेश घोटाला’ के रूप में जाना जाने वाला यह घोटाला एक वैश्विक मामला है और इसमें बड़े पैमाने पर धन शोधन और यहां तक कि ‘साइबर स्लेवरी’ भी शामिल है।’
इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने समय-समय पर तत्काल कार्रवाई के लिए खतरे की खुफिया जानकारी साझा करने के वास्ते गूगल के साथ साझेदारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी भारत में अवैध रूप से ऋण देने वाले ऐप शुरू करने के लिए प्रायोजित फेसबुक का उपयोग कर रहे हैं।