Delhi election results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को जारी मतगणना के आए रुझानों से अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है। वही, कभी दिल्ली में सत्ता का पर्याय मानी जाने वाली कांग्रेस 2013 से सत्ता से बाहर है और इस चुनाव में तो पार्टी का खाता भी नहीं खुला है। इसके अलावा, राजधानी के मतदाताओं ने दो राष्ट्रीय पार्टियों बहुजन समाज पार्टी (BSP) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तुलना में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) को ज्यादा वोट दिए है।
कांग्रेस ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर जनमत संग्रह करार दिया और कहा कि लोगों ने ‘‘छल और धोखे’’ की राजनीति को अस्वीकार किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत बढ़ा है तथा उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पांच साल बाद कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में लौटेगी।
दोपहर एक बजे तक आए नतीजों और रुझानों से आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं ने दो राष्ट्रीय पार्टियों बहुजन समाज पार्टी (BSP) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तुलना में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) के विकल्प को प्राथमिकता दी।
चुनाव आयोग की ओर से दोपहर के समय जारी आंकड़ों से पता चला कि नोटा के विकल्प को 0.57 प्रतिशत मतदाताओं ने वरीयता दी, जबकि बहुजन समाज पार्टी को 0.55 प्रतिशत और माकपा को 0.01 प्रतिशत वोट मिले। बसपा और माकपा दोनों ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां हैं।
कांग्रेस, भाजपा, आप और नेशनल पीपुल्स पार्टी अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनता दल (यूनाइटेड) को क्रमश: 0.01 प्रतिशत और 0.53 फीसदी वोट मिले।