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Delhi Flood: यमुना उफान पर, जनजीवन से लेकर कारोबार थमा…..लोग दुकानें बंद कर जा रहे घर

सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद करने के साथ जरूरी सेवाओं को छोडकर बाकी कर्मचारियों का घर से काम करने को कहा है। निजी संस्थानों को भी वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है।

Last Updated- July 13, 2023 | 3:51 PM IST

दिल्ली में यमुना (Yamuna water level) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में जन जीवन से लेकर कारोबार तक थम गया है। बाजारों के कारोबारी स्थानीय और बाहरी राज्यों से आने वाले ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में कच्चे व तैयार माल की आवक-जावक प्रभावित हुई है।

दिल्ली में स्कूल-कॉलेज रविवार तक बंद

मुख्य मार्ग की सड़कों पर पानी भरने कर्मचारियों को ऑफिस पहुंचने में दिक्कत हुई। मेट्रो के संचालन में भी दिक्कत आई। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (water supply in Delhi) बंद होने से पीने वाले पानी का भी संकट पैदा हो गया है।

सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद करने के साथ जरूरी सेवाओं को छोडकर बाकी कर्मचारियों का घर से काम करने को कहा है। निजी संस्थानों को भी वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है।

यमुना के उफान पर होने से कारोबार पर पड़ी मार

दिल्ली में यमुना का पानी (Yamuna water level) अब शहर में घुसने लगा है। जिसका कारोबार पर भी असर पड़ने लगा है। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के महासचिव संजय भार्गव ने बताया कि ग्राहक तो दूर कारोबारियों को भी पुरानी दिल्ली के बाजारों में पहुंचने में दिक्कत हो रही है क्योंकि राजघाट व आईटीओ होते हुए सड़क मार्ग बाधित है। दिल्ली में बाढ़ ( Delhi on flood alert) का अलर्ट जारी है। इससे दूसरे राज्यों से आने वाले ग्राहकों ने आना बंद कर दिया है। स्थानीय ग्राहक भी नदारद है।

बीते दो दिन से पुरानी दिल्ली के बाजारों में 25 फीसदी भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं। दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष व सदर बाजार के कारोबारी देवराज बवेजा कहते हैं कि दो दिन पहले बारिश का पानी बाजारों में भर गया था और अब यमुना का पानी सड़कों पर भरने से यातायात बाधित हो रहा है। इसकी मार बाजारों के कारोबार पर पड रही है और कारोबारियों को 100 से 150 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। इस सप्ताह अब तक सामान्य दिनों की तुलना में 30 फीसदी भी कारोबार नहीं हुआ है। आगे बाढ़ का और खतरा है। ऐसे में अगले कुछ और दिन भी कारोबार पर मार पडने वाली है।

बाजारों के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों की भी हालत खराब है। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख संगठन अपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री दिल्ली के उपाध्यक्ष रघुवंश अरोडा ने बताया कि सड़कों पर पानी भरने से खासकर पूर्वी दिल्ली से यातायात बाधित हुआ है। इन्हीं इलाकों से कामगार ज्यादा आते हैं।

फैक्ट्रियों में आज 40 फीसदी कामगार नहीं आ सके। जिससे उत्पादन पर 30 फीसदी से ज्यादा असर पडा। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों से माल की आवक-जावक भी थम गई गई है क्योंकि दिल्ली में जलभराव के साथ बाहरी राज्यों में बारिश से यातायात प्रभावित हो रहा है। हालांकि अभी उद्यमियों के सामने कच्चे माल का संकट नहीं है क्योंकि आमतौर पर उद्यमी 7 से 15 दिन के लिए इनका स्टॉक रखते हैं।

बारिश से ट्रांसपोर्टरों पर मार, दिल्ली में गैर जरूरी सेवाओं वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक

बारिश (Delhi Rain alert) का ट्रांसपोर्टरों के कारोबार पर भी बुरा असर पड रहा है। ऑल इंडिया मोटर ऐंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर कहते हैं कि बारिश ट्रांसपोर्टरों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। दिल्ली के अंदर स्थानीय सप्लाई को ठप हुई ही है। बाहरी राज्यों को भी माल भेजने और वहां से मंगाने में मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।

पंजाब के लुधियाना से 10 जुलाई को चला टक अभी तक नहीं आ पाया है, जबकि इसे 11 जुलाई को ही आ जाना चाहिए था। वेतन को छोड़कर एक दिन में ड्राइवर व हेल्पर का खर्चा 700 से 800 रुपये है। ट्रक में हुई देरी के कारण अब तक ही दोगुना खर्च हो चुका है। अब तक लुधियाना के 4 से 5 चक्कर लग जाने चाहिए थे, लेकिन दो ही लगे हैं।

बाजारों में बिक्री न होने से बुकिंग भी कम हो रही है। बारिश से रास्ते बाधित होने के कारण भी बुकिंग पर चोट पडी है। ऐसे में इस महीने खर्चे निकालना दूभर हो गया है। अब सरकार ने दिल्ली में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इससे आगे ट्रांसपोर्टरों को और चपत लगने वाली है।

दिल्ली में स्कूल-कॉलेज बंद, सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम व प्राइवेट संस्थानों को भी सलाह

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन की गुरुवार को बैठक हुई बैठक में जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सभी स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को रविवार तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है। यमुना का जल स्तर आगे अभी और बढ़ने की संभावना है। इसलिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों को रविवार तक बंद करने का आदेश दिया गया है। सभी कर्मचारी रविवार तक घर से ही काम करेंगे। प्राइवेट संस्थानों को भी एडवाइजरी जारी कर अधिक से अधिक वर्क फ्रॉम होम करने की अपील की जा रही है।

दिल्ली में जल संकट

यमुना में पानी का स्तर काफी बढ़ने के कारण दिल्ली के कुछ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद कर दिया गया है। जिससे पानी की समस्या हो सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना का जल स्तर बढने के कारण वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा है। इससे 25 फीसदी पानी का उत्पादन कम हो गया है। दिल्ली के लोगों को एक-दो दिन पानी की दिक्कत हो सकती है। जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, इन वाटर ट्रीटमेंट को चालू कर दिया जाएगा।

राहत कैंप स्कूलों में शिफ्ट

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि राहत केंद्रों में टॉयलेट और बॉथरूम की काफी दिक्कत आ रही थी। इसलिए राहत केंद्रों को अब स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बने राहत केंद्रों में करीब 20 हजार लोग हैं। 50 से अधिक बोट्स का इंतजाम किया गया है। अगर जरूरत पड़ने पर और बोट का इंतजाम कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हथिनी कुंड बैराज में जितना पानी आ रहा है, वो उनको छोड़ना ही पड़ रहा है क्योंकि वहां पर कोई रिजर्वायर नहीं है। इससे संभावना है कि आज शाम तक यमुना का जल स्तर थोड़ा और उपर तक जाएगा। इसके बाद जल स्तर नीचे जाना शुरू होने की संभावना है।

First Published - July 13, 2023 | 3:51 PM IST

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