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सुधार के बावजूद गंगा के मैदानी इलाकों में जारी प्रदूषण से जंग

गंगा के मैदानी इलाके में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक, भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 7 गंगा के मैदानी इलाकों में

Last Updated- October 04, 2023 | 10:34 PM IST
Ganga

नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत किए गए गंभीर प्रयासों के बावजूद रेस्पिरर लिविंग साइंसेज और क्लाइमेट ट्रेंड्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गंगा के मैदानी इलाके लगातार प्रदूषण के खतरे से जूझ रहे हैं। बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 7 शहर गंगा के मैदानी इलाके दिल्ली-एनसीआर और बिहार में स्थित हैं।

सूची में शामिल सबसे प्रदूषित इलाके दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आते हैं। बिहार के दो शहर पटना और मुजफ्फरनगर शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर में सरकार के प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किए जाने के बावजूद प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।

दिल्ली एक बार फिर देश का सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा है। इस रिपोर्ट में 1 अक्टूबर 2022और 30 सितंबर 2023 के बीच दिल्ली में पीएम2.5 के स्तर को नापा गया, जो सर्वाधिक था। सीपीसीबी के बेहतर के स्तर की तुलना में यह 3 गुना ज्यादा और डब्ल्यूएचओ के सुरक्षित मानक से 20 गुना अधिक था।

स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के असर के आकलन के लिए व्यापक तौर पर पीएम2.5 (फाइन पार्टिकुलेट मैटर) का इस्तेमाल किया जाता है। आंकड़े एनसीएपी के माध्यम से सामने आए हैं, जिसका मकसद पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर को भारत के शहरों में 2017 के स्तर से 2024 तक 40 प्रतिशत घटाना है।

दिल्ली की वायु के गुणवत्ता में इसके पहले के साल की तुलना में 4 प्रतिशत की कमी आई है। दूसरे स्थान पर पटना है, जहां हवा की गुणवत्ता 24 प्रतिशत खराब हुई है। साथ ही असम के नलबाड़ी, पश्चिम बंगाल के आसनसोल और मध्य प्रदेश के ग्वालियर बहुत ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल हो गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जाड़े के महीनों (अक्टूबर से मार्च) के दौरान दिल्ली जैसे शहरों में प्रदूषण उच्च स्तर पर रहता है, जिसकी कई वजहें हैं। इसमें तापमान कम होना, बारिश कम या नहीं होना, पराली जलाना और पटाखे फोड़ना शामिल है।

इन चुनौतियों के बीच देश में सबसे स्वच्छ हवा मिजोरम के आइजल, कर्नाटक के चिकमंगलूर और हरियाणा के मंडीखेड़ा में रिकॉर्ड की गई। हालांकि इन शहरों में सीपीसीबी के बेहतर की सीमा के नीचे प्रदूषण लहा है, लेकिन डब्ल्यूएचओ की सुरक्षित हवा के दिशानिर्देशों के स्तर से ज्यादा प्रदूषण है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की डायरेक्टर आरती खोसला ने कहा कि गंगा के मैदानी इलाकों में स्थित शहरों में प्रदूषण की स्थिति हाल के वर्षों में सुधरी है।

First Published - October 4, 2023 | 10:34 PM IST

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