facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बढ़ जाएगा UP वालों का बिजली बिल; खराब वसूली, मंहगी होती बिजली, बढ़ते घाटे के चलते लिया फैसला 

54.24 लाख लोगों ने अब तक एक बार भी बिजली बिल नहीं दिया, वहीं 78.65 लाख लोगों ने 6 माह से बिजली बिल नहीं दिया। 

Last Updated- May 20, 2025 | 5:38 PM IST
UP electricity

खराब वसूली, मंहगी होती जा रही बिजली और बढ़ते घाटे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) बिजली दरों में भारी भरकम इजाफे की तैयारी में है। कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने वास्तविक आय-व्यय के आधार बिजली वितरण कम्पनियों का लेखा-जोखा पेश करते हुए दरों में कम से कम 30 फीसदी वृद्धि का आग्रह किया है।

आयोग के सामने रखे गए आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 में पावर कॉरपोरेशन एवं डिस्कॉम्स का कुल खर्चा  1,10,511 करोड़ रूपये रहा है। वहीं बिजली खरीद का खर्च विगत वर्ष से 12 फीसदी और परिचालन एवं अनुरक्षण खर्च में व्यय 6 फीसदी बढ़ गया है। इन खर्चों के विरूद्ध मात्र रू0 61,996 करोड़ ही राजस्व प्राप्त हुआ है, जो विगत वर्ष से 8 फीसदी कम है।

कॉरपोरेशन का कहना है कि बिजली दरें तय करते समय नियामक आयोग द्वारा कलेक्शन एफिशियेन्सी को सौ फीसदी माना जाता है। इसका मतलब है कि जो भी विद्युत बिल उपभोक्ताओं को दिया जाता है, उसके सापेक्ष पूरी धनराशि विभाग द्वारा वसूल कर ली जाती है। वास्तव में यह नही है। कॉरपोरेशन ने पेश किए गए आंकड़ों में बताया है कि निरन्तर विद्युत बिल वसूली अभियान चलाने के उपरान्त भी 54.24 लाख उपभोक्ताओं ने अब तक एक बार भी बिजली के बिल का भुगतान नही किया हैै। इन सभी उपभोक्ताओं पर  36,353 करोड़ रूपये बकाया है। वहीं 78.65 लाख लोगो ने पिछले 6 माह से बिजली बिल का भुगतान नही किया है। इन पर भी  36,117 करोड़ रूपये  बिजली का बिल बकाया है। इस कारण से राजस्व वसूली आशा के अनुरूप नहीं हो पा रही है व कारपोरेशन का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।

आयोग के सामने पेश लेखा-जोखा में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पावर कारपोरेशन एवं डिस्काम्स का कुल खर्चा 107,209 करोड़ रूपये रहा है, जिसमें मुख्य रूप से बिजली खरीद में  77,013 करोड़, परिचालन एवं अनुरक्षण में  7,927 करोड़, व्याज के भुगतान में  6,286 करोड़ रूपये व मूल ऋण के भुगतान में  15,983 करोड़ रूपये खर्च हुआ है जबकि राजस्व मात्र 67,955 करोड़ रूपये ही प्राप्त हुआ है। इस प्रकार कुल कैश गैप 39,254 करोड़ रूपये रहा। जिसको पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा  19,494 करोड़ की धनराशि सब्सिडी के तौर पर दिया तथा  13,850 करोड़ रूपये की धनराशि लास फण्डिंग/अनुदान के रूप में सरकार ने देकर मदद की। फिर भी शेष 5,910 करोड़ रूपये के कैश गैप को पावर कारपोरेशन एवं डिस्काॅम्स द्वारा अतिरिक्त ऋण लेकर पूरा किया गया। जिसका व्याज अंततः उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एवं राज्य सरकार को ही देना पड़ रहा है। मार्च 2024 के आडिटेड अकाउण्ट के आधार पर पावर कारपोरेशन और डिस्काम की संकलित हानियाॅ रूपये एक लाख दस हजार करोड़ को पार कर गयी हैं। 

कॉरपोरेशन के बताया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए यह कैशगैप लगभग रू0 54,530 करोड़ रहने का अनुमान है। इस प्रकार पिछले एक वर्ष में कैश गैप में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा बैंक लोन में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऊर्जा क्रय पर व्यय, कर्मचारियों पर खर्च, अनुरक्षण में खर्च, व्याज तथा ऋण के भुगतान के लिए आवश्यक धनराशि तथा विद्युत उपभोक्ताओं से बिल की वसूली का अन्तर जो वर्ष 2023-24 रू0 2.92 प्रति यूनिट था, वो वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर रू0 3.28 प्रति यूनिट हो गया है। लाख प्रयासों के बावजूद भी उपभोक्ताओं से पर्याप्त वसूली नही हो पा रही है साथ ही जितनी बिजली आपूर्ति होती है, उसकी प्रत्येक यूनिट पर  पावर कारपोरेशन को घाटा उठाना पड़ रहा है।

कॉरपोरेशन ने कहा है कि विद्युत आपूर्ति की लागत में वृद्धि होने के बावजूद भी विगत 5 वर्षों में विद्युत दरों में वृद्धि नहीं हुई है इन 4 वर्षों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 एवं डिस्काम का खर्चा 8.3 फीसदी व राजस्व 6.7 फीसदी की दर से बढ़ा है। जिसके कारण प्रतिवर्ष कैश-गैप 12.4 फीसदी की दर से बढ़ा है। जोकि कारपोरेशन के लिए वहन करना सम्भव नहीं है।

इन हालात के मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पावर कारपोरेशन एवं डिस्काम ने वास्तविक आय-व्यय के आधार पर विद्युत नियामक आयोग में लेखा-जोखा पुनः प्रस्तुत किया है और आयोग से वास्तविक स्थिति के  आधार पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया है। इन आकड़ो के आधार पर विद्युत दरों में लगभग 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी आकलित है।

 

Yogi Govt ने गन्ना किसानों, चीनी मिल मालिकों के लिए किया बड़ा एलान

गर्मी में दिल्ली में टूटेगा Electricity Demand का रिकॉर्ड, बिजली कंपनियों ने ढूंढे नए तरीके

First Published - May 20, 2025 | 4:44 PM IST

संबंधित पोस्ट