सोमवार को दिल्ली में जहरीले स्मॉग की चादर छा गई। वायु क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर कई इलाकों में 1,500 के पार पहुंच गया। हालात इतने खराब हो गए कि प्रशासन को ग्रैप (Graded Response Action Plan) का चौथा चरण लागू करना पड़ा। यह कदम आपातकालीन स्थिति में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उठाया गया, क्योंकि दिल्ली की हवा अब ‘गंभीर-प्लस’ श्रेणी में आ गई है।
प्रदूषण का खतरनाक स्तर
स्विस एयर टेक्नोलॉजी फर्म IQAir के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों में AQI का स्तर 1,300 से 1,600 के बीच दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल हैं:
मुण्डका: 1,591
द्वारका सेक्टर-8: 1,497
रोहिणी: 1,427
नजफगढ़: 1,396
पूठ खुर्द: 1,354
विवेक विहार: 1,338
नरेला: 1,332
IQAir ने यह रिपोर्ट अपने सेंसर्स और सरकारी मॉनिटरिंग स्टेशनों के डेटा के आधार पर तैयार की है, जो दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।
CPCB का डेटा भी हालात की पुष्टि करता है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का कुल AQI 485 दर्ज किया गया। CPCB की समीर ऐप के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में AQI 470 से 500 के बीच रहा, जिसे ‘गंभीर-प्लस’ श्रेणी में रखा गया है।
यात्रा और स्कूलों पर असर
गंभीर स्मॉग के कारण दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने लो-विजिबिलिटी एडवाइजरी जारी की। उन्होंने कहा, “एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी की वजह से प्रोसेस जारी हैं, लेकिन फिलहाल फ्लाइट ऑपरेशन सामान्य है। यात्रियों को फ्लाइट की जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।”
रविवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने स्कूलों में कक्षा 10 और 12 को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के लिए फिजिकल क्लासेस सस्पेंड कर दीं। यह फैसला ग्रैप स्टेज-IV के तहत लिया गया, जिसमें निर्माण कार्य रोकने, वाहनों पर सख्त प्रतिबंध, और वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने जैसे कदम शामिल हैं।
क्या है ग्रैप स्टेज-IV?
ग्रैप (Graded Response Action Plan) एक चार-चरणीय योजना है, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लागू की जाती है। स्टेज-IV सबसे गंभीर स्तर है, जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है। इसके तहत:
निर्माण और तोड़फोड़ के काम पर रोक
गैर-जरूरी फैक्ट्रियों को बंद करना
डीजल जेनरेटर और गैर-BS VI डीजल वाहनों पर रोक
प्रदूषण को लेकर जागरूकता अभियान तेज करना
स्वास्थ्य पर खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि जहरीली हवा में ज्यादा समय तक रहने से सांस और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। प्रशासन ने लोगों को घर के अंदर रहने, बाहर N95 मास्क का इस्तेमाल करने और ज्यादा मेहनत वाले काम से बचने की सलाह दी है।