भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों नेता वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए बुधवार को चीन की राजधानी पेइचिंग में मिले। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों शीर्ष प्रतिनिधियों बैठक में समग्र भारत चीन संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को बनाए रखने के महत्त्व को दोहराया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डोभाल पांच साल के अंतराल के बाद हो रही विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को पेइचिंग पहुंचे थे। दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करने का फैसला हाल ही में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक दौरान लिया गया था।
वार्ता चीन के समयानुसार सुबह 10 बजे प्रारंभ हुई। दोनों प्रतिनिधियों ने द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर आपसी सहयोग और बातचीत जारी रखने का फैसला किया। दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाने पर चर्चा की सीमा से जुड़े मुद्दों का असर दोनों देशों के बीच अन्य संबंधों पर न पड़े। डोभाल बाद में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मिले, जिन्होंने अर्थव्यवस्था, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता जताई।
चीन ने इस महत्त्वपूर्ण वार्ता से पहले मंगलवार को कहा कि वह 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है।