गुजरात के बनासकांठा जिले के किसानों ने ‘सेव सॉइल मूवमेंट’ से प्रेरित होकर एक किसान प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) की स्थापना की है, जिसका नाम ‘बनास सेव सॉइल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी’ (बीएसएसएफपीसी) रखा गया है।
इस कंपनी की स्थापना सद्गुरु के जन्मदिन के मौके पर की गई, जो ‘ईशा फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इस कंपनी के तहत एक नई मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला और एक जैव उर्वरक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
कंपनी का पहला लक्ष्य 3,000 किसानों को जोड़ना है, जिसके लिए पंजीकरण आज से शुरू हो गया है। इस एफपीसी के सदस्यों को पहले साल के लिए मुफ्त में मिट्टी परीक्षण, बाद के परीक्षणों के लिए रियायती दरें, ड्रोन सेवाएं, टिकाऊ मिट्टी प्रबंधन का प्रशिक्षण और विशेषज्ञों की सलाह जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “किसान उत्पादक संगठन न केवल लोगों को पोषण प्रदान करेगा, बल्कि मिट्टी को भी समृद्ध करेगा, जिससे किसानों की आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी।”
गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष और बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने थराद में ‘बनास मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला’, खिमाना में ‘बनास जैव उर्वरक अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला’ और एक किसान प्रशिक्षण हॉल के साथ एफपीसी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कंपनी और उसकी नई सुविधाएं हमारे भविष्य को स्थायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
सेव सॉइल मूवमेंट की मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रवीणा श्रीधर ने बताया कि एफपीसी की स्थापना के लिए सेव सॉइल बनास टीम ने थराद और लखानी तालुका के 40 गांवों के 14,492 किसानों के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि बनासकांठा की कठिन परिस्थितियों में यह एफपीसी मिट्टी की उर्वरता और किसानों की आजीविका को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे एक वैश्विक मानक स्थापित हो सकता है।
एफपीसी का उद्देश्य पहले चरण में 3,000 किसानों को जोड़ना है। इसके साथ ही कंपनी का लक्ष्य है कि आगामी खरीफ सीजन में मूंगफली की खेती करने वाले किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। 40 गांवों के 911 किसानों को मूंगफली की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
कंपनी किसानों की इनपुट लागत को कम करने और उनकी आय को दोगुना करने के लिए मुफ्त परामर्श सेवाएं प्रदान करेगी। एफपीसी के सदस्यों को पहले साल के लिए मुफ्त मिट्टी परीक्षण, बाद के परीक्षणों के लिए रियायती दरें और टिकाऊ मिट्टी प्रबंधन का प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं मिलेंगी।