facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

लंबे इंतजार के बाद 31 मार्च को आएगी विदेश व्यापार नीति

Last Updated- March 29, 2023 | 11:57 PM IST
कम शुल्क दर से बढ़ेगा निर्यातExports will increase due to lower duty rate

मौजूदा विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) की अवधि 3 साल बढ़ाने के बाद केंद्र सरकार 31 मार्च को बहुप्रतीक्षित विदेश व्यापार नीति लाने वाली है। इसमें निर्यात केंद्र के रूप में जिलों को विकसित करने, ई-कॉमर्स, कारोबार सुगमता को प्रोत्साहन देने पर जोर होगा।
मौजूदा नीति 31 मार्च तक वैध है।

वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एफटीपी एक समग्र नीतिगत रणनीति होती है, जिसमें भारत के विदेश व्यापार की दीर्घावधि रणनीति का खाका होगा। वस्तुओं और सेवाओं के 2 लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने का खाका भी पेश किया जाएगा।

अब तक विदेश व्यापार नीति में भारत से वस्तुओं के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 5 साल की रणनीति बनाई जाती थी, इस मामले से जुड़े लोगों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि अब इससे दूरी बनाई जा सकती है।

तेजी से हो रहे वैश्विक बदलावों और अंतरराष्ट्रीय कारोबार पर उनके असर को देखते हुए नई नीति में संभवतः कोई समय सीमा तय नहीं की जाएगी। इसके अलावा एक साल में आम चुनाव भी होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार के लिए 5 साल की समय सीमा तय करना संभवतः सही रणनीति नहीं होगी।

मौजूदा पॉलिसी का ध्यान जहां प्रोत्साहन से चलने वाली योजनाओं पर था, नई नीति में गैर वित्तीय कदमों से भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी बनाए जाने की संभावना है। किसी नई निर्यात प्रोत्साहन योजना की उम्मीद नहीं है।

उपरोक्त उल्लिखित एक व्यक्ति ने कहा, ‘छोटे (एमएसएमई) निर्यातकों के लिए एफटीपी में कुछ कदम उठाए जा सकते हैं, क्योंकि किसी व्यवधान का उन पर सबसे बुरा असर होता है। जिलों को निर्यात केंद्रों के रूप में विकसित करने जैसी योजनाओं को एफटीपी के माध्यम से बल दिया जा सकता है। ई-कॉमर्स पर एक अलग अध्याय हो सकता है और कारोबार सुगमता भी विचाराधीन है।’

एक निर्यातक ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि निर्यात संवर्धन को लेकर कुछ वादे जैसे निर्यात उत्पादों पर शुल्क व करों की वापसी (आरओडीटीईपी) को एपटीपी में जगह मिल सकती है। इसके अलावा निर्यातकों को यह भी उम्मीद है कि निर्यातकों की लॉजिस्टिक्स लागत घटाने के कदम भी उठाए जा सकते हैं।

अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के चेयरमैन नरेंद्र गोयनका ने कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) जैसी लंबी योजनाएं खत्म किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि इससे क्षमता बनाने में बहुत मदद मिली है।

फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अजय सहाय ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस समय चल रही सभी प्रोत्साहन योजनाएं जारी रहेंगी।’

First Published - March 29, 2023 | 11:57 PM IST

संबंधित पोस्ट