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क्या आबादी के मामले में चीन को पछाड़ चुका है भारत?

Last Updated- January 18, 2023 | 12:14 PM IST
2080 तक दुनिया की आबादी 10 अरब, विकास के लिए सीमित संभावनाएं, World population will reach 10 billion by 2080, limited possibilities for development

क्या भारत की जनसंख्या दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन से भी ज्यादा हो गई है? रायटर्स की रिपोर्ट में इस बाद की संभावना जाहिर करते हुए कहा गया है कि हो सकता है कि भारत पहले ही दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन को जनसंख्या के मामले में पीछे छोड़ चुका हो! और अगर ऐसा है कि देश को वैश्विक विकास की रेस में बनाए रखने के लिए अधिक रोजगार सृजित करने को प्राथमिकता से देखना होगा।

विश्व जनसंख्या समीक्षा, जनगणना और जनसांख्यिकी पर केंद्रित एक स्वतंत्र संगठन के अनुमान के अनुसार, 2022 के अंत तक भारत की जनसंख्या 1.417 बिलियन यानी 181.7 करोड़ थी।

ये आंकड़ा चीन द्वारा मंगलवार को रिपोर्ट किए गए 1.412 बिलियन से 50 मिलियन अधिक है।

भारत, जहां आधी आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है, आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। रायटर्स की रिपोर्च में कहा गया है कि जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, पीएम मोदी को हर साल कार्यबल में प्रवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है क्योंकि देश में कृषि रोजगार अब पहले जितना नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी इस साल के माइलस्टोन तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी। डब्ल्यूपीआर के अनुसार, 18 जनवरी तक, भारत की जनसंख्या पहले ही 1.423 अरब हो चुकी थी।

रिसर्च प्लेटफॉर्म मैक्रोट्रेंड्स का एक अन्य अनुमान के अनुसार भारत का जनसंख्या 1.428 अरब होने का अनुमान है।

भारत के लगभग 800 मिलियन लोग अभी भी सरकार से मुफ्त भोजन राशन पर निर्भर हैं, जो दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।

अभी के लिए, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर है। यह चावल, गेहूं और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह खाद्य तेलों का शीर्ष आयातक होने के साथ-साथ चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। एक बाजार के रूप में, भारत सोने और स्टील का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार भी है।

हालांकि भारत की जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई है, WPR को उम्मीद है कि यह संख्या कम से कम 2050 तक बढ़ती रहेगी।

दूसरी ओर, चीन में वर्तमान में एक जनसंख्या वृद्धि के मामले में गिरावट देखी गई। ब्लूमबर्ग अर्थशास्त्री एरिक झू ने अपने 18 जनवरी के नोट में इसे “growth crushing headwind for a long time” बताया था। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की तुलना में 2022 में चीन की जनसंख्या 850,000 कम हो गई।

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2022 और 2050 के बीच वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधे से अधिक केवल आठ देशों में केंद्रित होगा: कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया।

First Published - January 18, 2023 | 10:50 AM IST

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