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Anti-paper leak law: इन परीक्षाओं में पेपर लीक हुआ तो लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, 10 साल की जेल; नोटिफिकेशन जारी

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 21 जून से देशभर में लागू हो गया है।

Last Updated- June 22, 2024 | 3:19 PM IST
नीट परीक्षा में गड़बड़ी को करना होगा क्लीन, NEET-UG 2024: Errors in NEET exam will have to be cleaned

Anti-paper leak law: लगातार राष्ट्रीय स्तर की दो परीक्षाओं में चल रहे विवाद के बाद अब केंद्र सरकार सतर्क होती दिख रही है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से आयोजित होने वाली नेट-यूजीसी 2024 (NET UGC 2024) और मेडिकल छात्रों के एडमिशन के लिए नीट (NEET-UG 2024) में उजागर हुई धांधली के बाद आज केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा कानून 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि नया कानून, जिसे एंटी पेपर लीक लॉ के नाम से भी जाना जाता है, 21 जून 2024 से यह कानून देशभर में लागू हो गया है।

केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए इस कानून का मकसद परीक्षाओं को सुचारु और निष्पक्ष कराने के लिए फर्जीवाड़े और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 – केंद्रीय भर्तियों और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए पेपर लीक विरोधी कानून शुक्रवार को लागू हो गया।

कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समाधान योग्य (cognisable, non-bailable, and non-compoundable) होंगे। अगर कोई भी व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है तो डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) या फिर असिस्टेंट कमिश्नर के नीचे के कोई अधिकारी इस मामले की कोई जांच नहीं कर सकता। इनके ऊपर के ही अधिकारी जांच करने के लिए योग्य होंगे। इसके अलावा, अगर केंद्र सरकार किसी एजेंसी का गठन करती है तो वह जांच कर सकेगी।

क्या है पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंसन ऑफ अनफेयर मीन्स) ऐक्ट 2024

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 (2024 का 1) की धारा 1 की उप-धारा (2) (Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 (1 of 2024) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम लागू कर रही है।’

यह कानून कहता है कि शुक्रवार रात (21 जून) से लागू हुए इस कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बता दें कि यह कानून आम चुनाव से पहले ही 6 फरवरी 2024 को लोकसभा में और 9 फरवरी को राज्यसभा में पास हो गया था। और 13 फरवरी को ही भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने इस बिल को मंजूरी भी दे दी थी और यह कानून बन गया था। इसे देशभर में लागू करने के लिए सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी करने की जरूरत होती है। जो अब जारी हो गई है।

बता दें कि इस कानून (पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंसन ऑफ अनफेयर मीन्स) ऐक्ट 2024) से पहले, केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा परीक्षाओं के संचालन में शामिल संस्थाओं द्वारा किए गए फर्जीवाडों, धांधलियों, अनुचित तरीकों या अपराधों से निपटने के लिए कोई ठोस और कठोर कानून नहीं था।

नए कानून में क्या है सजा का प्रावधान

नए कानून में प्रश्नपत्र (question paper) या किसी सवालों का लीक होना या उत्तर बताया जाना या उत्तर लीक करना, कंप्यूटर नेटवर्क के साथ छेड़छाड़ी करना, या फिर कोई फर्जी परीक्षा ही कराना जैसे काम अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

अगर कोई व्यक्ति पेपर लीक या नकल करवाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे तीन से पांच साल तक की जेल की सजा होगी, वहीं अगर कोई ग्रुप या संगठित तरीके से परीक्षा में धांधली करता है औऱ पकड़ा जाता है तो उसे पांच से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है।

इस कानून के तहत अगर कोई परीक्षा संबंधी गोपनीय जानकारी (information ) का खुलासा करता है और गैर-जरूरी यानी अनधिकृत लोगों को परीक्षा केंद्रों में एंट्री देता है तो इन अपराधों के लिए तीन से पांच साल तक की जेल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना होगा।

एंटी पेपर लीक लॉ के तहत कौन-कौन सी परीक्षाएं आएंगी?

इस कानून के तहत सभी पब्लिक एग्जाम्स यानी सार्वजनिक परीक्षाएं आएंगी। पब्लिक एग्जाम के तहत वे परीक्षाएं आती हैं, जिनकों केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद कोई एजेंसी आयोजित कराती है। उदाहरण के तौर पर हाल में सुर्खियों में आए NEET-UG और UGC NET के एग्जाम। इनको केंद्र सरकार नोटिफाई करती है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजन कराती है।

NTA द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के अलावा, इस कानून के तहत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (Institute of Banking Personnel Selection), और केंद्र सरकार के मंत्रालय या विभाग और उनसे जुड़े और कर्मचारियों की भर्ती के लिए अधीनस्थ कार्यालय या ऐसी अन्य कोई संस्था- जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नोटिफाई किया जा सकता है, जैसी परीक्षाएं आएंगी।

First Published - June 22, 2024 | 10:02 AM IST

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