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House rent: किरायेदारों की जेब पर मार, मकान के किराये में इजाफा

House rent: इस साल की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर किराया 14.6 फीसदी बढ़ा। सेमिफर्निश और 20 से 30 हजार रुपये किराये वाले मकानों की सबसे अधिक मांग।

Last Updated- August 01, 2024 | 6:39 PM IST
Asia-Pacific Logistics rental

House rent: किरायेदारों को जेब ढीली करनी पड़ रही है क्योंकि किराये पर लिए गए मकान का किराया महंगा हो गया है। इस साल की दूसरी तिमाही में देश के 13 प्रमुख शहरों में किराये में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-2, गुरुग्राम के सेक्टर 65 और 54, मुंबई के अंधेरी पूर्व व पश्चिम, गोरेगांव पूर्व, chembur और powai में 3 बीएचके मकान का किराया एक लाख रुपये से भी अधिक है। मुंबई के वर्ली (worli) में किराया सबसे अधिक 2,92,100 रुपये दर्ज किया गया।

2024 की दूसरी तिमाही में कितना बढ़ा किराया?

मैजिकब्रिक्स (Magicbricks) की Rental Update (April-June 2024) के नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के 13 प्रमुख शहरों में इस साल दूसरी तिमाही में मकान के किराये में सालाना आधार पर 14.6 फीसदी और तिमाही आधार पर 2.3 फीसदी इजाफा हुआ है। इन शहरों में औसत किराया 33.3 रुपये वर्ग फुट प्रति महीना है।

मैजिकब्रिक्स के अनुसंधान प्रमुख अभिषेक भद्र ने कहा कि आर्थिक गतिविधि चरम पर होने के साथ अल्प से मध्यम अवधि में किराये की मांग और किराया दोनों में निरंतर वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके साथ ही किराये मकानों की आपूर्ति भी सुधरने की उम्मीद है। निर्माणाधीन संपत्तियों का स्टॉक भी पूरा होने के करीब है। कुल मिलाकर वर्तमान परिदृश्य मकान मालिकों और निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर है, जो किराये के बाजार में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।

किस शहर में मकान किराये पर लेना सबसे अधिक महंगा?

इस रिपोर्ट के अनुसार सालाना आधार पर ग्रेटर नोएडा में मकान किराये पर लेना सबसे अधिक महंगा हुआ है। इस शहर में किराया 26.7 फीसदी बढ़ा है। इसके बाद बेंगलूरु में 24.6 फीसदी, हैदराबाद में 23.1 फीसदी, नवी मुंबई में 20.7 फीसदी, गुरुग्राम में 20.6 फीसदी, नोएडा में 19.3 फीसदी, चेन्नई में 19.1 फीसदी और दिल्ली में 14.5 फीसदी मकान के किराये में वृद्धि हुई है।

13 प्रमुख शहरों में एक मात्र थाणे में किराये में 18.7 फीसदी कमी आई है। सबसे कम किराये में वृद्धि कोलकाता में 8.5 फीसदी हुई। तिमाही आधार पर सबसे ज्यादा 6.2 फीसदी किराया नवी मुंबई में बढ़ा है और सबसे कम 1.7 फीसदी दिल्ली और पुणे में बढ़ा है।

2 बीएचके मकान की सबसे अधिक मांग

मैजिकब्रिक्स की इस रिपोर्ट के अनुसार किराये के मकान की कुल मांग सबसे अधिक 45 फीसदी हिस्सेदारी 2 बीएचके मकानों की रही। इसके बाद 33 फीसदी हिस्सेदारी 3 बीएचके मकानों की दर्ज की गई। हालांकि गुरुग्राम और अहमदाबाद दो ऐसे शहर रहे, जहां 2 बीएचके से अधिक 3 बीएचके मकान की मांग रही। यहां 3 बीएचके मकान की हिस्सेदारी 55 फीसदी से अधिक दर्ज की गई।

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सेमीफर्निश मकानों की बढ़ रही है मांग

किरायेदार अब मकान किराये पर लेते समय सेमीफर्निश (semi-furnished ) मकानों को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल की दूसरी तिमाही में कुल मांग में सेमिफर्निश मकानों की हिस्सेदारी 51 फीसदी दर्ज की गई। फर्निश (furnished) मकानों की हिस्सेदारी 23 फीसदी, जबकि बिना फर्निश (un furnished) मकानों की हिस्सेदारी 26 फीसदी रही। सेमिफर्निश मकानों की बढ़ती मांग के मद्देनजर कुल आपूर्ति में सेमिफर्निश मकानों की हिस्सेदारी 50 फीसदी दर्ज की गई।

किरायेदारों को किस आकार के मकान ज्यादा पसंद आ रहे हैं?

किरायेदारों को 1,000 वर्ग फुट से बड़े मकान ज्यादा पसंद आ रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार कुल मांग में 1,000 से 1,500 वर्ग फुट आकार वाले मकानों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 41 फीसदी दर्ज की गई। कुल आपूर्ति में इन मकानों की हिस्सेदारी 35 फीसदी रही। 1,500 से 2,000 वर्ग फुट वाले मकानों की हिस्सेदारी 20 फीसदी रही। 2,000 से 2,500 और 2,500 वर्ग फुट से बड़े मकानों की हिस्सेदारी क्रमश: 5 व 3 फीसदी दर्ज की गई। 500 से 1,000 वर्ग फुट वाले मकानों की कुल मांग में हिस्सेदारी 30 फीसदी और कुल आपूर्ति में 29 फीसदी दर्ज की गई। 500 वर्ग फुट से छोटे मकान किराये पर लेने वाले महज 2 फीसदी ही लोग हैं।

कितने रुपये किराये के मकानों की सबसे अधिक मांग?

मैजिकब्रिक्स की इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक मांग 20 से 30 हजार रुपये प्रति महीना किराये वाले मकानों की है। इनकी कुल मांग में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 26 फीसदी है। इसके बाद 22 फीसदी हिस्सेदारी के साथ 10 से 20 हजार रुपये प्रति महीना किराये के मकानो की मांग रही। 50 हजार रुपये से अधिक किराये के मकानों की मांग भी ठीक ठाक है। कुल मांग में 50 हजार से एक लाख रुपये किराये वाले मकानों की हिस्सेदारी 19 फीसदी रही। 30 से 40 हजार रुपये किराये वालों की 17 फीसदी, 40 से 50 हजार रुपये वालों की 11 फीसदी रही। एक लाख रुपये अधिक किराये वाले मकानों की हिस्सेदारी महज 3 फीसदी दर्ज की गई।

First Published - August 1, 2024 | 6:39 PM IST

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