शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक खास वीडियो कॉल के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की। यह मौका भारत के लिए गर्व का था, क्योंकि 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में पहुंचा है। बता दें कि शुभांशु शुक्ला axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं। पीएम मोदी ने उनसे कहा, “आप मातृभूमि से सबसे दूर हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिलों के सबसे करीब। आपके नाम में ही शुभ है और आपकी यह यात्रा एक नए युग की शुरुआत है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बातचीत में सिर्फ दो लोग नहीं, बल्कि पूरे देश की भावनाएं शामिल हैं।
शुभांशु ने पीएम को धन्यवाद देते हुए कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। मैं यहां पूरी तरह सुरक्षित हूं और यह अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया और अनोखा है। यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।” उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि आज का भारत युवाओं को उनके सपने पूरे करने के लिए ढेर सारे मौके दे रहा है। शुभांशु ने गर्व के साथ कहा कि वह वैश्विक मंच पर भारत का नाम ऊंचा करने में गर्व महसूस कर रहे हैं।
शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वह 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद करमन लाइन पार करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। बता दें कि करमन लाइन को अंतरिक्ष की सीमा मानी जाती है। इससे पहले, अंतरिक्ष से शुभांशु ने एक संदेश में कहा था, “यह मेरी ISS की यात्रा की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत है।”
शुभांशु axiom-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर अंतरिक्ष पहुंचे। इस कैप्सूल ने 25 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। 28 घंटे की यात्रा के बाद यह कैप्सूल 26 जून को दोपहर 4:02 बजे IST पर ISS से जुड़ा। ड्रैगन कैप्सूल ने सटीकता के साथ कई कक्षा-उन्नयन manuevers किए और 4:16 बजे IST पर पूरी तरह से डॉकिंग पूरी की। शुभांशु का कॉल साइन “ग्रेस” है, और यह डॉकिंग भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए एक ऐतिहासिक पल था।