विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते महत्त्वपूर्ण हैं और भारत इस पर बहुत तत्परता से काम कर रहा है। इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि भारत के साथ संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर ट्रंप प्रशासन ने तेजी से प्रतिक्रिया दी है।
जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित ‘वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन’ के एक संवाद सत्र में कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने दुनिया के साथ जुड़ने के अपने दृष्टिकोण को मौलिक रूप से बदल दिया है और इसका प्रत्येक प्रमुख क्षेत्रों, खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में असर है। जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शुल्क पर ट्रंप की नीति ने बड़े पैमाने पर व्यापार व्यवधानों और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं को जन्म दिया है। ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों पर शुल्क लगाने के अपने फैसले को 90 दिनों के लिए टालने की घोषणा कर दी है। इससे व्यापार गतिरोध में तात्कालिक राहत मिलने की उम्मीद है।
जयशंकर ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत का कोई ब्योरा न देते हुए संकेत दिया कि भारत इसे जल्द-से-जल्द तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने को उत्सुक है। मंत्री ने कहा, ‘अमेरिका में सरकार बदलने के एक महीने के भीतर ही हमने द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने को लेकर वैचारिक रूप से एक समझौता कर लिया है। हम एक ऐसा समाधान खोजेंगे जो हम दोनों देशों के लिए कारगर होगा क्योंकि हमारी भी अपनी चिंताएं हैं। यह कोई हमेशा चलने वाली प्रक्रिया नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में भी चार साल तक बातचीत की। उनके पास हमारे बारे में अपना दृष्टिकोण है और स्पष्ट रूप से हमारे पास उनके बारे में अपना नजरिया है। हालांकि उस समय समझौता नहीं हो पाया।’
जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में यूरोपीय संघ के साथ भारत की बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘यदि आप यूरोपीय संघ को देखें, तो अक्सर लोग कहते हैं कि हम 23 साल से इस समझौते पर बात कर रहे हैं। यह पूरी तरह सच नहीं है, क्योंकि लंबे समय तक इस बारे में कोई किसी से बात भी नहीं कर रहा था। लेकिन वे बहुत लंबी प्रक्रियाएं रही हैं।’ जयशंकर ने कहा, ‘इस बार, हम निश्चित रूप से काफी तत्पर हैं। मेरा मतलब है, हमें यहां अवसर दिख रहा है। हमारी व्यापार वार्ता से जुड़ी टीम वास्तव में उत्साहित है, वे जो हासिल करना चाहते हैं, उसको लेकर काफी महत्त्वाकांक्षी हैं।’