facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर चौतरफा घेरा, भारत IMF और विश्व बैंक से बोलेगा दो टूक

भारत पाकिस्तान को एक "आतंक का प्रायोजक" देश साबित करने की दिशा में वैश्विक मंचों पर अपना रुख और मजबूत कर रहा है।

Last Updated- May 03, 2025 | 10:06 AM IST
Representative Image

भारत सरकार पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले 1.3 अरब डॉलर के नए कर्ज पर आपत्ति जताने की तैयारी में है। यह मुद्दा 9 मई को IMF की कार्यकारी बोर्ड बैठक में उठ सकता है। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने शुक्रवार को जानकारी दी कि भारत विश्व बैंक जैसे अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDBs) को भी पाकिस्तान के साथ लेनदेन में सतर्क रहने के लिए कहेगा।

पिछले दिनों पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चा और तेज कर दिया है। भारत पाकिस्तान को एक “आतंक का प्रायोजक” देश साबित करने की दिशा में वैश्विक मंचों पर अपना रुख और मजबूत कर रहा है।

अब तक भारत पाकिस्तान को दिए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कर्जों पर मतदान से दूरी बनाता रहा है, लेकिन पिछले साल पहली बार उसने IMF से आग्रह किया था कि ऐसे कर्जों पर शर्तें लगाई जाएं—जैसे यह धन हथियारों की खरीद, रक्षा खर्च या अन्य देशों को कर्ज चुकाने में इस्तेमाल न हो।

सूत्रों के अनुसार, “हम इस विषय को अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थानों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ भी उठाएंगे।”

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बोर्ड को एक अहम मुद्दे पर सतर्क करने की योजना बनाई थी। यह मुद्दा पाकिस्तान द्वारा ब्रिक्स समर्थित न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) में निवेश की योजना से जुड़ा था। भारत इस बात को उजागर करना चाहता था कि एक तरफ पाकिस्तान पश्चिमी ऋणदाताओं से अरबों डॉलर का कर्ज ले रहा है, वहीं दूसरी ओर वह ब्रिक्स बैंक जैसी वैकल्पिक वित्तीय संस्थाओं में शामिल होकर उनसे स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहा है।

IMF ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज की दूसरी किस्त देने का फैसला किया था, और भारत इस मौके पर पाकिस्तान की नीतिगत दोहरी भूमिका को लेकर आपत्ति दर्ज कराना चाहता था।

हालांकि, अब स्थितियां और गंभीर हो चुकी हैं। 22 अप्रैल के पाहलगाम हमले के बाद भारत ने इसे सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा बताया और इसके जवाब में सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना “भरोसेमंद और अपरिवर्तनीय” रूप से बंद नहीं करता, तब तक यह संधि प्रभाव में नहीं आएगी।

यह कूटनीतिक कदम भारत के उन ‘नॉन-काइनेटिक’ (गैर-सैन्य) उपायों का हिस्सा है जिनके जरिए वह पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना चाहता है। अब, सैन्य विकल्प पर भी विचार हो रहा है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 अप्रैल को बुलाई गई उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदमों के साथ-साथ सैन्य कार्रवाई का रास्ता भी अपना सकता है।

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जो भी इस हमले की साजिश में शामिल थे, उन्हें “भारत के समय और तरीके से” करारा जवाब मिलेगा। सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस तरह की आतंकी घटनाओं के पीछे जो लोग हैं, उन्हें अब नतीजे भुगतने होंगे।

हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि बीते सप्ताह पाकिस्तान की ओर से बार-बार संघर्षविराम उल्लंघन के बावजूद भारतीय सेना ने संयम बरता है। सूत्रों ने कहा, “भारतीय सेना ने अब तक नियंत्रण रेखा (LoC) को पार कर किसी भी तरह की जल्दबाज़ी से बचते हुए जिम्मेदारी दिखाई है।” उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की रात में की जाने वाली फायरिंग का मकसद आतंकियों के ठिकानों को छिपाना और भारत को उकसाना है।

इस बीच, पाकिस्तान स्थित हैकर्स ने भारतीय सेना से जुड़ी वेबसाइटों पर साइबर हमला करने की कोशिश की थी। इनमें भारतीय सेना के दो पब्लिक स्कूल और आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट की वेबसाइटें शामिल थीं। लेकिन अधिकारियों ने बताया कि भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने इन प्रयासों को समय रहते पहचान कर नाकाम कर दिया।

1 और 2 मई की दरम्यानी रात को भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर छोटे हथियारों से गोलीबारी जारी रही। भारतीय सेना ने कहा कि उनकी ओर से “सोच-समझकर और सटीक जवाबी कार्रवाई” की गई है।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव कम करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जल्द ही इस मुद्दे पर बैठक कर सकती है। मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में यूनान (ग्रीस) के स्थायी प्रतिनिधि एंबेसडर एवेन्जेलोस सेकैरिस ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच हालात पर चर्चा के लिए बैठक “जल्द से जल्द” हो सकती है। यह एक ऐसा मंच होगा जहां सदस्य देश अपनी राय रख सकेंगे और तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

इसी बीच, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत, पहलगाम आतंकी हमले का जवाब इस तरह देगा जिससे “बड़े क्षेत्रीय संघर्ष” की स्थिति न बने। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस मामले में भारत के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि उन आतंकियों को पकड़ा जा सके जो कभी-कभी उनकी धरती से भी गतिविधि चलाते हैं।

गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति वांस और उनका परिवार चार दिवसीय यात्रा पर भारत में ही थे जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।

इस्लामाबाद से मिली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार भारत के एकतरफा रूप से सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को सस्पेंड करने के फैसले पर आपत्ति जताने के लिए जल्द ही एक आधिकारिक कूटनीतिक नोटिस जारी करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में सिंधु आयोग के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यह नोटिस भारत से इस ऐतिहासिक संधि को निलंबित करने को लेकर स्पष्ट जवाब मांगेगा।

इसी बीच, शुक्रवार को भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ का यूट्यूब चैनल भी भारत में ब्लॉक कर दिया। सरकार ने इससे पहले सप्ताह में 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया था। इन चैनलों पर भारत विरोधी और भड़काऊ कंटेंट फैलाने का आरोप था।

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर शुक्रवार शाम कांग्रेस ने अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुलाई। बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कोई स्पष्ट रणनीति नहीं ला पाई है। CWC द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि पूरा देश इस हमले को लेकर जवाबदेही, जवाब और न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम आदेश में जम्मू-कश्मीर में रह रहे एक परिवार को पाकिस्तान डिपोर्ट करने पर रोक लगा दी है। इस परिवार के छह सदस्य कथित रूप से वीज़ा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुई, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

परिवार के वकील नंदा किशोर ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किलों के पास वैध पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि जब तक उनकी नागरिकता की जांच पूरी नहीं हो जाती, उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजा जाए।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published - May 3, 2025 | 9:07 AM IST

संबंधित पोस्ट