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भारत-अमेरिका सुरक्षा गठबंधन होगा और मजबूत, तुलसी गबार्ड ने दिए बड़े संकेत, बताया फ्यूचर प्लान

भारत दौरे पर आईं अमेरिका के खुफिया विभाग की निदेशक गबार्ड पिछले दो दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के प्रमुख मंत्रियों से मिल चुकी हैं।

Last Updated- March 18, 2025 | 10:50 PM IST
Tulsi Gabbard
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड

अमेरिका के खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध और मजबूत हो सकते हैं। मंगलवार को ‘रायसीना डायलॉग’ में सवाल-जवाब सत्र में गबार्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों आपस में मिलकर काम करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएंगे। विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित विचार संस्था ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन हरेक साल रायसीना डायलॉग नाम से रणनीतिक मामलों पर इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं।

भारत दौरे पर आईं गबार्ड पिछले दो दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के प्रमुख मंत्रियों से मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत में अपने समकक्षों से सीधे उन्हें भारत के सुरक्षा हितों से जुड़ी गंभीर चिंताएं सुनने को मिली हैं। गबार्ड ने नाम लेकर किसी तीसरे देश का जिक्र नहीं किया।

द्विपक्षीय संबंध, खासकर सुरक्षा से जुड़े एक सवाल पर गबार्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका को उन अवसरों पर नजर रखनी चाहिए जहां वे एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘नए प्रशासन में हमें आपसी सहयोग की रफ्तार तेज कर दूसरी संभावनाओं पर भी काम करना चाहिए। खुफिया जानकारियां साझा करने के लिहाज से देखें तो अपने देश को ठोस और मतलब की बातें समय पर साझा करना हमारी जिम्मेदारी है। हमारे द्वारा उपलब्ध कराई जानकारियों के आधार पर हमारी सरकारें श्रेष्ठ निर्णय ले सकती हैं।’

गबार्ड ने कहा कि साइबर सुरक्षा की जरूरत और मौजूदा जोखिमों के बीच तेजी से उभरती तकनीकों एवं आर्टफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ काम करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी दोनों नेता अमेरिका और भारत के ‘साझा मूल्यों, शांति, स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं संपन्नता में विश्वास रखते हैं’। उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के ‘स्ट्रैटजी ऑफ पीस’ का जिक्र किया और कहा कि ट्रंप ‘यथार्थवाद एवं प्रयोजनवाद की रणनीति’ के साथ शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कैनेडी ने अमेरिका और सोवियत संघ के बीच सहयोग के लिए ‘स्ट्रैटजी ऑफ पीस’ सिद्धांत दिया था।

गबार्ड ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया में चल रहे युद्धों के बीच ऐसे नेताओं की जरूरत है जो टकराव रोकने के लिए मित्र और दुश्मनों से सीधे राफ्ता कायम कर सकें। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नीतियों के जरिये अमेरिका के लोगों की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता को प्रमुखता देते हुए अमेरिकी हितों को सर्वोपरि रख रहे हैं उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी भारत के हितों को आगे रखने के लिए काम कर रहे हैं। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन भी अपने देश के लोगों एवं उनके हितों को शीर्ष वरीयता दे रहे हैं।’

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को ‘रा​यसीना डायलॉग’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था। न्यूजीलैंड ने भारत के साथ नए रक्षा समझौते किए हैं। भारत और अमेरिका ने भी दीर्घकालिक रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। गबार्ड ने कहा, अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखने की नीति का मतलब यह कतई नहीं है कि अमेरिका दूसरे देशों से दूरी बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि नया ट्रंप प्रशासन अलग थलग रहने की मानसिकता में विश्वास नहीं रखता है।

इस साल जनवरी में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) और पेरिस जलवायु संधि से बाहर निकल चुका है। ट्रंप ने रूस के साथ युद्ध के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। गबार्ड ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को 21वीं शताब्दी का नया भू-राजनीतिक केंद्र बताया। ‘क्वाड’ पर पूछे गए सवाल पर गबार्ड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन शुरू से ही अमेरिका के साझेदार देशों के साथ संबंधों को नया आयाम देने में जुटा है। 

First Published - March 18, 2025 | 10:28 PM IST

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