प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है, जिसमें निगरानी उपग्रहों के निर्माण से लेकर सुरक्षित संचार नेटवर्क तक शामिल है।
एसआईए-इंडिया द्वारा आयोजित डेफसैट सम्मेलन और एक्सपो को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए भारत के निजी उद्योगों से इस अवसर का उपयोग देश को उभरते दोहरे उपयोग-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए करने का आग्रह किया।
सशस्त्र बलों की जरूरतों का उल्लेख करते हुए उन्होंने उद्योग से मल्टी-सेंसर उपग्रहों, ‘लॉन्च-ऑन-डिमांड’ सेवाओं और भू-स्टेशन का एक मजबूत नेटवर्क विकसित कर खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) क्षमताओं को बढ़ाने में भागीदार बनने का आग्रह किया।
जनरल चौहान ने नाविक (उपग्रह आधारित स्वदेशी दिशा-सूचक प्रणाली) को मजबूत करके स्वदेशी पोजिशनिंग, दिशा-सूचक और टाइमिंग (पीएनटी) सेवाओं को विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।