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जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत की नीति स्पष्ट: केवल द्विपक्षीय समाधान संभव – विदेश मंत्रालय

जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दे भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं है।

Last Updated- May 13, 2025 | 7:51 PM IST
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दों को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,

“भारत की पुरानी और स्पष्ट नीति है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दे भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं है। यह नीति अब भी अपरिवर्तित है।”

“पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों की वापसी ही एकमात्र मुद्दा”

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में जायसवाल ने कहा, “इस्लामाबाद के साथ हमारा केवल एक ही मुद्दा है — पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जे में लिए गए भारतीय क्षेत्रों की वापसी।”

ऑपरेशन सिंदूर पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा, “पहल्गाम आतंकी हमले के जवाब में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई ही ऑपरेशन सिंदूर था। अगर पाकिस्तान की सेना हमला करेगी, तो भारत जवाब देगा। अगर वे रुकते हैं, तो हम भी रुकेंगे। यही संदेश पाकिस्तान के डीजीएमओ को भी दिया गया है।**”

उन्होंने कहा कि अब एक नया सामान्य (New Normal) बन गया है और पाकिस्तान को इसे जल्द से जल्द समझ लेना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर भारत का स्पष्टीकरण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर कि व्यापार ने भारत-पाक तनाव को कम करने में भूमिका निभाई है, जायसवाल ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच सैन्य स्थिति पर बातचीत जरूर हुई, लेकिन उनमें कहीं भी व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।”

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उसका आंतरिक मामला है और पाक अधिकृत कश्मीर की वापसी ही एकमात्र विचारणीय विषय है। भारत का रुख साफ है—शांति की इच्छा है, लेकिन सुरक्षा से समझौता नहीं।

First Published - May 13, 2025 | 7:51 PM IST

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