उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में रविवार सुबह एक दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसे में सात लोगों की जान चली गई। यह हेलिकॉप्टर निजी कंपनी आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का था, जो चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को सेवा दे रहा था। हादसे के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से आर्यन एविएशन की सेवाओं को निलंबित कर दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, हादसा खराब मौसम और कम दृश्यता के चलते हुआ, जिसके कारण हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के जंगलों में क्रैश हो गया और उसमें आग लग गई।
हेलिकॉप्टर बेल 407 सुबह 5:10 बजे गुप्तकाशी से उड़ा और 5:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा। इसके तुरंत बाद, 5:19 बजे यह गुप्तकाशी के लिए वापस उड़ान भरा। मंत्रालय के मुताबिक, सुबह 5:30 से 5:45 के बीच हेलिकॉप्टर गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच केदारघाटी में क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में पांच यात्री, एक बच्चा और एक क्रू मेंबर सवार थे। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने बताया कि खराब मौसम के कारण शून्य दृश्यता इस हादसे की मुख्य वजह हो सकती है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन’ (CFIT) हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि खराब दृश्यता और घाटी के प्रवेश क्षेत्र में भारी बादलों के बावजूद हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी। हादसे की विस्तृत जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AIB) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही, मंत्रालय ने DGCA को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ घाटी में हेलिकॉप्टर गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जाए। इसके लिए एयरवर्थनेस, सुरक्षा और संचालन से जुड़े अधिकारियों को तैनात किया गया है। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के कमांड-एंड-कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की जाएगी।
इसके अलावा, ट्रांसभारत एविएशन के दो हेलिकॉप्टर, जिनके पायलट योगेश ग्रेवाल और जितेंद्र हरजाई थे, भी इसी तरह के खराब मौसम में उड़ान भरते पाए गए। इसके चलते दोनों पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने पहले ही 15 और 16 जून को क्षेत्र में चार्टर और शटल हेलिकॉप्टर सेवाओं को सुरक्षा कारणों से बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन इस हादसे ने चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर दोबारा सवाल उठाए हैं।