facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Maharashtra: अप्रैल में रिकॉर्ड बेमौसम बारिश का कहर जारी

IMD की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया कि सांताक्रूज मौसम केंद्र में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। यह शहर में अप्रैल में दर्ज की गई सर्वाधिक बारिश है।

Last Updated- April 13, 2023 | 10:07 PM IST
Maharashtra: Be careful! Rain and hailstorm expected on 27-28 December, IMD issues yellow alert सावधान! 27-28 दिसंबर को बारिश के साथ ओले गिरने का अनुमान, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट

महाराष्ट्र में इस बार बेमौसम बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के कई हिस्सों में करीब हर महीने रुक रुककर बारिश हो रही है। मुंबई और आसपास के इलाकों में गुरुवार को तड़के भी आंधी और गरज चमक के साथ बेमौसम बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में मुंबई में 14.8 मिलीमीटर बारिश हुई। इस साल अप्रैल में सर्वाधिक बारिश हुई है।

मुंबई के कई हिस्सों में गुरुवार को तड़के आंधी के साथ बेमौसम बारिश होने से शहर में उमस भरी गर्मी से राहत मिली। इसके साथ ही अप्रैल महीने में बारिश ने नया रिकॉर्ड बना दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया कि सांताक्रूज मौसम केंद्र में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। यह शहर में अप्रैल में दर्ज की गई सर्वाधिक बारिश है। इससे पहले शहर में अप्रैल में सर्वाधिक 7.2 मिलीमीटर बारिश 22 अप्रैल, 1974 को हुई थी।

यह बारिश एक स्थानीय घटना है और शहर के केवल पश्चिमी उपनगरों में बारिश हुई, कोलाबा मौसम केंद्र में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई। मालवानी दमकल केंद्र और गोरेगांव में 21-21 मिलीमीटर, बोरीवली दमकल केंद्र में 19 मिलीमीटर, एचबीटी ट्रॉमा केयर हॉस्पिटल (जोगेश्वरी) में 17 मिलीमीटर, मरोल दमकल केंद्र में 14 मिलीमीटर और कांदिवली दमकल केंद्र में 12 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

अधिकारियों ने बताया कि शहर में देर रात एक बजे से दो बजे के बीच बिजली चमकी और गरज के साथ भारी बारिश हुई कुछ निचले इलाकों में थोड़ी देर भारी बारिश होने के कारण पानी भर गया। हालांकि कहीं भी जलभराव की शिकायत नहीं मिली है।

आंधी और तेज हवाएं चलने से कुछ इलाकों में पेड़ गिर गए और कुछ घरों की टिन की छतें उड़ गईं। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के मुताबिक, बारिश के कारण किसी के घायल होने की कोई जानकारी नहीं मिली और न ही इसका सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में कोई असर पड़ा।

राज्य में इस साल बारिश का कहर लगातार जारी है जिसके कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि राज्य में हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से एक लाख एकड़ से अधिक की फसल बर्बाद हो गई है।

राज्य में प्याज, पपीता, अंगूर और अन्य फसलें नष्ट हो गई हैं। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस महीने हुई बारिश से फसलों के नुकसान का पंचनामा जारी है। जबकि पिछले महीने हुई बेमौसम की बारिश से किसानों के फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 177.8 करोड़ रुपये जारी किये।

राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सत्यापन के बाद राज्य सरकार ने उन जिलों के किसानों के लिए 177.8 करोड़ रुपये की राशि जारी की, जहां पर पिछले महीने बेमौसमी बारिश से फसलों को नुकसान हुआ था। राज्य सरकार के मुताबिक औरंगाबाद राजस्व डिवीजन के आयुक्त को 84.75 करोड़ रुपये, नासिक डिवीजन को 63.09 करोड़, अमरावती को 24.57 करोड़ और पुणे को 5.37 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।

बेमौसम बारिश से नुकसान और मानसूनी बारिश कम होने की आशंका ने किसानों को परेशान कर दिया है। हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सामान्य बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन के मुताबिक पूरे देश में जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून की 96 फीसदी वर्षा होने की संभावना है और किसानों को कम वर्षा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है। IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि IMD मई 2023 के अंतिम सप्ताह में मानसून के मौसम की वर्षा के लिए अपडेटेड पूर्वानुमान जारी करेगा।

First Published - April 13, 2023 | 10:07 PM IST

संबंधित पोस्ट