महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों की अयोध्या यात्रा के बाद से शिवसेना और शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं के बीच अयोध्या और हिन्दुत्व पर बहस छिड़ गई। महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे और जो अभी बोल रहे हैं वे उस वक्त कहां थे जब मस्जिद को तोड़ा जा रहा था।
बाल ठाकरे के पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद ढहायी जा रही थी तब सभी चूहे अपनी बिलों में छिपे थे। उनकी पार्टी का हिंदुत्व राष्ट्रवाद है और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे को पाटिल के बयान को लेकर या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या पाटिल से इस्तीफा मांगना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने ट्वीट में कहा कि बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी होने का दावा कर रहे 40 विधायक अब क्या करेंगे? कल वे बालासाहेब के विरोधियों के साथ अयोध्या गये थे। उन लोगों के खिलाफ आवाज कौन उठायेगा जिन्होंने बालासाहेब का अपमान किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पाटिल का मतलब यह है कि ढांचा गिराए जाने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कहां मौजूद थे। मैंने चंद्रकांत पाटिल से बात की। उनका मतलब यह पूछना था कि उद्धव ठाकरे और जो अभी बोल रहे हैं वे उस वक्त कहां थे जब मस्जिद को तोड़ा जा रहा था। शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे ने ही गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में बालासाहेब लखनऊ की अदालत गए थे। उस समय लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल और उमा भारती भी वहां मौजूद थे। उस समय कोई दल नहीं था, सभी राम भक्त थे।
एकनाथ शिंदे सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा था कि जब छह दिसंबर, 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अयोध्या में मस्जिद ढहायी जा रही थी तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था। राज्यसभा सदस्य संजय राउत अक्सर बाबरी मस्जिद विध्वंस की चर्चा करते रहते हैं लेकिन क्या वह उस समय अयोध्या में थे। पाटिल ने उद्धव ठाकरे पर भी तंज करते हुए कहा कि बालासाहेब सभी हिंदुओं के हैं और उनके नाम (विरासत) का उपयोग करने के लिए हर कोई स्वतंत्र है।
उद्धव ठाकरे के तल्ख तेवर के बाद चंद्रकांत पाटिल ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि मैं खुद उद्धव ठाकरे को फोन करूंगा। मैं उनसे यह पूछूंगा कि आप मेरे बारे में इस तरह की गलतफहमी कैसे पाल सकते हैं। मैंने ऐसा नहीं कहा है। बालासाहेब ठाकरे के बारे में मेरे जैसे कार्यकर्ता के मन मे हमेशा श्रद्धा है और रहेगी। बालसाहेब कि वजह से ही दंगों के दौरान हिंदू सुरक्षित बचे थे। जहां तक बाबरी ढहाने की बात है तो मेरे कहने का यह मतलब था कि सभी हिंदुओं ने गिराई थी। ढांचा ढहाने का काम विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले हुआ था। वहां शिवसेना या फिर किसी अन्य संगठन के नाम का सवाल ही नहीं है। यह काम सारे हिंदुओं ने किया था।
वीर सावरकर की जयंती स्वतंत्रवीर गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी- शिंदे
राज्य में 28 मई को हिंदुत्व के आइकन विनायक डी. सावरकर की जयंती को धूमधाम से मनाया जाएगा। विनायक डी. सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को नासिक के भगुर में हुआ था। सावरकर का निधन 26 फरवरी, 1966 को मुंबई में हुआ था। अगले महीने वीर सावरकर की 140वीं जयंती होगी। बीते दिनों सावरकर के नाम को लेकर काफी राजनीति हुई थी। जिसमें बीजेपी ने राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिए बयान को निशाने पर लिया था। वहीं राहुल के इस बयान के बाद शिवसेना और कांग्रेस के संबंधों में भी काफी खींचतान देखने को मिली थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर के योगदान को उजागर करने से लेकर उनकी विचारधारा का प्रचार करने का काम किया जाएगा। महाराष्ट्र में सामाजिक सुधारों और अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिए अभियानों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजित किए जाएंगे।