राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भतीजे अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। पवार ने बारामती में संवाददाताओं को बताया, ‘एमवीए एकजुट है और हम 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की अगली बैठक का सफल आयोजन करेंगे।’
अपने भतीजे अजित पवार के एकनाथ शिंदे नीत सरकार में 2 जुलाई को शामिल होने के बाद 82 वर्षीय दिग्गज राजनेता पहली बार अपने गृहनगर पहुंचे थे। एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) हैं। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने राकांपा प्रमुख से चाचा और भतीजे के बीच इस तरह की मुलाकातों पर उत्पन्न हो रही भ्रम की स्थिति को साफ करने को कहा था। शरद पवार और अजित पवार के बीच बैठक ने प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं।
पवार ने कहा, ‘एमवीए साथियों के बीच कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। हम सब साथ हैं और 31 अगस्त तथा 1 सितंबर को मुंबई में ‘इंडिया’ की बैठक का सफल आयोजन सुनिश्चित करेंगे।’ पवार ने मीडिया से बार-बार एक ही सवाल पूछकर भ्रम की स्थिति पैदा ना करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई में ‘इंडिया’ की बैठक के आयोजन की जिम्मेदारी ली है।’ यह बैठक एक पांच सितारा होटल में होने की संभावना है।
अपने भतीजे के कदम की ओर इशारा करते हुए पवार ने कहा कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से हाथ मिलाने वाले एमवीए से अलग गुट का राकांपा से कोई संबंध नहीं है।
शरद पवार और अजित पवार के बीच बार-बार मुलाकात को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में सोमवार को प्रकाशित संपादकीय में नाखुशी जाहिर किए जाने के सवाल को राकांपा प्रमुख ने दरकिनार कर दिया। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के भाजपा के साथ हाथ मिलाने की अटकलों और पुणे में अजित पवार के साथ मुलाकात के दौरान उनके बारे में चर्चा होने के बारे में पूछने पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि जयंत पाटिल के भाई को नोटिस (प्रवर्तन निदेशालय से (ईडी) मिला है। सत्ता का दुरुपयोग कर इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। हमारे कुछ साथियों को नोटिस प्राप्त हुए थे और उसके बाद वे भाजपा के साथ चले गए । जयंत पाटिल के मामले में भी इस तरह का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि विचारधारा को लेकर उनका रुख स्पष्ट है।’
पिछले सप्ताह संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में शरद पवार ने कहा कि सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों में से एक मुद्दा मणिपुर का था। उन्होंने कहा ‘यह सिर्फ मणिपुर तक ही सीमित नहीं है।’ उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्से की सीमा चीन के साथ लगती है और मणिपुर से परे भी एक देश है। उन्होंने कहा कि अगर कठिनाइयां सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों से संबंधित हैं और अगर सरकार इन कठिनाइयों पर ध्यान नहीं दे रही है, तो यह ‘देश के लिए सबसे चिंताजनक बात’ है।