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वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का सफरनामा…

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का गुरुवार (26 दिसंबर) रात निधन हो गया। डॉ सिंह साल 2004 से लेकर साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

Last Updated- December 29, 2024 | 4:33 PM IST
Manmohan Singh's journey as Finance Minister and Prime Minister...वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का सफरनामा...

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का गुरुवार (26 दिसंबर) रात निधन हो गया। डॉ सिंह साल 2004 से लेकर साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इसमें कोई दो राय नहीं है कि डॉ सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाएगा। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का सफरनामा..

बतौर वित्त मंत्री

1991

आसन्न बाह्य भुगतान संकट से निपटने के लिए अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के क्रम में भारत ने अपना सोना बैंक ऑफ इंगलैंड और यूबीएस के पास गिरवी रखा।

दो चरणों में रुपये का 18 फीसदी अवमूल्यन किया गया।

1969 के एकाधिकार एवं प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम के कई हिस्सों को समाप्त किया गया ताकि कंपनियों को अपनी मौजूदा क्षमता बढ़ाने या नए संयंत्र लगाने की सुविधा मिल सके।

1991-92

आयात पर लगा मात्रात्मक प्रतिबंध समाप्त किया गया। आयात एवं निर्यात के मुख्य नियंत्रक के स्थान पर विदेश व्यापार महानिदेशालय की स्थापना की गई।

म्युचुअल फंड उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया।

1992

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को सांविधिक संस्था बनाया गया।

मुंबई में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की गई।

1993-94

रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के 10 बैंकों को लाइसेंस जारी किया।

सॉफ्टवेयर और टेक्नॉलजी पार्क तथा इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नॉलजी पार्कों में स्थापित इकाइयों को पांच साल की कर राहत की पेशकश।

राष्ट्रीयकृत बैंकों को पूंजी आधार बढ़ाने के लिए पूंजी बाजार में उतरने की इजाजत।

रुपये को चालू खाते पर परिवर्तनीय बनाया गया।

सेवा कर की शुरुआत: सेवाओं पर कर लगाकर कर दायरा बढ़ाया गया। यह देश की कर नीति में एक अहम बदलाव था।

1995

बैंकों को घरेलू जमा पर अपनी ब्याज दर तय करने का अधिकार दिया गया।

1996

कंपनियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर दोबारा शुरू किया गया।

बतौर प्रधानमंत्री

2005

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम पारित किया गया ताकि नागरिक सरकारी अधिकारियों से सूचना हासिल कर सकें।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम की शुरुआत की गई।

विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी एसईजेड अधिनियम पारित किया गया ताकि प्रोत्साहन और सरल प्रक्रियाओं के जरिये निर्यात को बढ़ाया जा सके।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम पारित किया गया। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई।

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन की शुरुआत की गई ताकि देश के शहरों में जीवन स्तर सुधरे।

2007

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की शुरुआत की गई ताकि चावल, गेहूं और दालों का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

2008

लाखों किसानों को कर्ज से राहत दिलाने के लिए कृषि ऋण माफी।

2009

शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित करके 6-14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उनका बुनियादी अधिकार बनाई गई।

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर की शुरुआत की गई ताकि संपर्क बेहतर हो और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

2010

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने आधार की शुरुआत की ताकि बायोमेट्रिक पहचान के जरिये सेवाओं की आपूर्ति में सुधार हो सके।

2012

दूरसंचार, खुदरा, प्रसारण, नागर विमानन और बीमा क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमाओं में अहम इजाफा किया गया।

2013

प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण यानी डीबीटी के जरिये कल्याण योजनाओं में लीकेज कम करने के लिए सीधे नकद राशि देने की शुरुआत।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम गठित कर देश की करीब दो-तिहाई आबादी को रियायती खाद्यान्न मुहैया कराना।

संसद द्वारा पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम पारित। पेंशन क्षेत्र को निजी कारोबारियों के लिए खोला गया।

कंपनी अधिनियम 2013 का गठन ताकि कारोबारी शासन के मानकों में सुधार लाया जा सके।

केंद्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम।

संयोजन : असित रंजन मिश्र

 

First Published - December 27, 2024 | 11:29 PM IST

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