पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को राज्य के मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में कर दिया गया। पांच बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज अकाली नेता को हजारों गमगीन नागरिकों और नेताओं ने अंतिम विदाई दी।
प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया और उनके बेटे तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। बादल का पार्थिव शरीर बुधवार रात मुक्तसर जिले से बादल गांव लाया गया। उनके पार्थिव शरीर को गांव लाते समय भी राजमार्ग के दोनों ओर लोगों का जमावड़ा नजर आया।
#WATCH | Punjab: Last rites of Shiromani Akali Dal patron Parkash Singh Badal were performed with full state honours in Lambi. pic.twitter.com/feMXnlw69L
— ANI (@ANI) April 27, 2023
गुरुवार को बादल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखा गया और उनके आवास से करीब एक किलोमीटर दूर परिवार के खेत में ले जाया गया। उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर हाथ जोड़कर खड़े नजर आए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बादल गांव पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन किये। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के वरिष्ठ नेता तरुण चुग, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी बादल को श्रद्धांजलि दी।
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी। गांव में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किये गये थे।
इससे पहले सुबह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए कतार में खड़े नजर आए। बादल के बेटे सुखबीर बादल, पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल, उनकी दो बेटियां और एक बेटा अकाली नेता के पार्थिव शरीर के पास खड़े थे।
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल के परिवार से अलग हुए उनके भतीजे एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे। बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 के बीच भी मुख्यमंत्री रहे। वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे।