वैश्विक स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली में आई बड़ी खामी से दुनिया भर की बड़ी सेवाएं व्यापक स्तर पर प्रभावित हुईं लेकिन भारत का वित्तीय क्षेत्र इस हलचल से लगभग अछूता रहा और यहां केवल मामूली बाधाओं जैसी स्थिति का अनुभव हुआ।
शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बयान जारी कर कहा कि वैश्विक स्तर पर आईटी तंत्र के बाधित होने के चलते 10 भारतीय बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मामूली बाधाओं का सामना करना पड़ा और इनमें से ज्यादातर की समस्याओं का समाधान हो गया है या फिर इस दिशा में काम चल रहा है। हालांकि आरबीआई ने प्रभावित होने वाले संस्थानों का नाम नहीं लिया।
बैंकिंग क्षेत्र के नियामक आरबीआई ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक के दायरे में आने वाला भारतीय वित्तीय क्षेत्र, वैश्विक स्तर पर सर्वर के ठप पड़ने से लगभग अछूता रहा। शुक्रवार की शाम आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘रिजर्व बैंक ने इस वैश्विक बाधा के असर का मूल्यांकन अपने नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों पर किया। बैंक के कई महत्त्वपूर्ण सिस्टम क्लाउड तंत्र से नहीं जुड़े हुए हैं और चुनिंदा बैंक ही क्राउडस्ट्राइक टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं।’
शीर्ष बैंक ने बयान में कहा, ‘हमारा मूल्यांकन यह दर्शाता है कि केवल 10 बैंकों और एनबीएफसी को मामूली बाधाओं का सामना करना पड़ा जिसे अब दुरुस्त कर लिया गया है या इसका हल अभी किया जा रहा है।’
इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी को सतर्क रहने और निरंतरता के साथ परिचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए परामर्श जारी किया। हालांकि भारत की बैंकिंग सेवाएं, वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर तकनीकी व्यवधान से प्रभावित नहीं रहीं। भारत के दो सबसे बड़े बैंकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस व्यवधान के दौरान उनकी सेवाएं बाधित नहीं हुईं। कई अन्य बैंकों ने भी अनौपचारिक तौर पर ऐसे ही संकेत दिए।
एचडीएफसी बैंक के सीआईओ और समूह प्रमुख (आईटी) रमेश लक्ष्मीनारायण ने कहा, ‘एचडीएफसी बैंक पुष्टि करता है कि हमारा संचालन वैश्विक बाधाओं से प्रभावित नहीं हुआ हैं। इसका बैंकिंग से जुड़े कामों पर भी कोई असर नहीं पड़ा है।’ इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष दिनेश खारा ने भी कहा कि उनका तंत्र भी माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर के ठप पड़ जाने से प्रभावित नहीं हुआ। खारा से जब इस वैश्विक बाधा के बारे में पूछा गया तब उन्होंने जवाब दिया, ‘हम सब ठीक हैं।’
केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया सहित कई सरकारी बैंकों ने संकेत दिए कि उनके सिस्टम पर कोई असर नहीं हुआ क्योंकि वे क्राउडस्ट्राइक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। भारत के प्रमुख भुगतान मंच, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने वैश्विक तकनीकी व्यवधान के दौरान बिना किसी रुकावट के काम करना जारी रखा, जिससे भुगतान सामान्य तौर पर चलता रहा।