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Monsoon Update: दिल्ली-NCR में जल्द होगी मानसून की एंट्री, IMD ने जारी किया अलर्ट

Monsoon 2025: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मई में जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, जून से सितंबर के बीच भारत में औसत से अधिक बारिश हो सकती है।

Last Updated- June 20, 2025 | 9:18 AM IST
Monsoon 2025 Update
Representative Image

Monsoon 2025: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पिछले दो दिनों में मध्य, पश्चिमी और पूर्वी भारत में तेज़ी से दस्तक दी है। अब यह अगले 2-3 दिनों में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक पहुंच सकता है।

कब तक दिल्ली में दस्तक देगा Monsoon?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली में मानसून 22 जून तक पहुंच सकता है, जो आमतौर पर 30 जून को आता है। यानी इस बार मानसून तय समय से पहले राजधानी में पहुंचेगा।

बारिश को लेकर IMD का अनुमान

आईएमडी की विस्तारित पूर्वानुमान रिपोर्ट के मुताबिक, 20 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है। इनमें हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं।

इस बार समय से पहले केरल पहुंचा Monsoon

इस साल Monsoon ने 24 मई को केरल में दस्तक दी, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी है। 2009 में यह 23 मई को आया था। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम की मदद से मानसून तेज़ी से महाराष्ट्र (मुंबई सहित) और पूर्वोत्तर भारत तक 29 मई तक पहुंच गया।

हालांकि, शुरुआती तेज़ रफ्तार के बाद 29 मई से 16 जून तक मानसून की रफ्तार लगभग रुक गई थी और इस दौरान ज्यादा बारिश नहीं हुई।

Also Read: मॉनसून का जल्द आना अच्छी बारिश की गारंटी नहीं

जून की शुरुआत में बारिश थमने से पड़ा लू का असर

जून की शुरुआत में बारिश थमने के कारण देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य इलाकों में तापमान तेजी से बढ़ा और कई हिस्सों में लू जैसी स्थिति बन गई। खासकर जून के दूसरे हफ्ते में हीटवेव की स्थिति और भी गंभीर हो गई।

हालांकि 16 से 18 जून के बीच मानसून ने दोबारा रफ्तार पकड़ी। 17 जून को देश के दो अलग-अलग हिस्सों—पश्चिम बंगाल और गुजरात—में लो प्रेशर सिस्टम बनने से मानसून को बढ़ावा मिला।

पारंपरिक रूप से Monsoon 1 जून को केरल पहुंचता है, 11 जून तक मुंबई और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत से 17 सितंबर के आसपास इसकी वापसी शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक यह पूरी तरह से देश से लौट जाता है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के समय पर पहुंचने का मतलब यह नहीं कि पूरे सीजन में सामान्य या ज्यादा बारिश होगी। उन्होंने बताया कि “केरल या मुंबई में मानसून जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि बाकी हिस्सों में भी वही स्थिति होगी।”

विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसून की चाल कई वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारणों पर निर्भर करती है, जिससे इसमें काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।

इस बार ज्यादा बारिश की संभावना, IMD का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मई में जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, जून से सितंबर के बीच भारत में औसत से अधिक बारिश हो सकती है। देश में इस मौसम के दौरान औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होती है, जिसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहा जाता है। IMD का कहना है कि इस बार 106% LPA बारिश होने का अनुमान है। आमतौर पर 96% से 104% के बीच की बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है, यानी इस बार की बारिश ‘सामान्य से अधिक’ मानी जा रही है।

कहां-कहां हो सकती है कम बारिश?

देश के ज्यादातर इलाकों में अच्छी बारिश की उम्मीद है, लेकिन कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आसपास के क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्य और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा के कुछ इलाके शामिल हैं। इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भी कम बारिश की संभावना जताई गई है।

क्यों अहम है Monsoon 2025?

भारत में मानसून का सीधा असर खेती पर पड़ता है। देश की करीब 42% आबादी खेती पर निर्भर है और कृषि का राष्ट्रीय GDP में 18.2% योगदान है। साथ ही, बारिश जलाशयों को भरने में मदद करती है, जो पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए बेहद जरूरी होते हैं।

First Published - June 20, 2025 | 9:18 AM IST

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