भारतीय रेलवे (Indian Railway Insurance) दुनिया में सबसे सस्ते इंश्योरेंस में से एक की पेशकश कर रहा है। रेलवे के बीमा की कीमत प्रति यात्री मुश्किल से 35 पैसे है और इसमें 10 लाख रुपये तक का अच्छा कवर दिया जाता है। इसके बावजूद, ज्यादातर यात्री टिकट बुक करते समय इंश्योरेंस कवर नहीं ले रहे हैं।
ओडिशा में हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटना (Odisha Train Accident) पर बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि दुर्घटना में शामिल दोनों ट्रेनों में आरक्षित यात्रियों में से केवल 30 प्रतिशत ने ही यह बीमा लिया था।
दिलचस्प बात यह है कि इंश्योरेंस कंपनियों को कुल बीमित यात्रियों में से मात्र 4-5 प्रतिशत बीमा क्लेम ही मिल रहे हैं, जो यात्रियों के बीच कम रुचि का संकेत देता है।
ओडिशा ट्रेन हादसे में शामिल दोनों ट्रेनों में से केवल 680 यात्रियों ने ही लिया था बीमा
ओडिशा ट्रेन हादसे में शामिल दोनों ट्रेनों में कुल 2,296 आरक्षित यात्रियों में से केवल 680 ने यात्रा बीमा का लाभ उठाया था। बता दें कि 2 जून को शालीमार और एमजीआर चेन्नई सेंट्रल के बीच ट्रेन नंबर 12841 कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस भीषण दुर्घटना में 294 लोगों की मौत जबकि 1,175 से अधिक घायल हो गए थे।
भारतीय रेलवे के सूत्र के मुताबिक, कोरोमंडल में केवल 346 और हावड़ा एक्सप्रेस में 334 लोगों ने टिकट खरीदते समय अपना बीमा कराया था।
दो बीमा कंपनियां…..SBI जनरल इंश्योरेंस और लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस, अभी भी दावों का आकलन करने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी द्वारा बीमा कराए गए कुल 351 यात्रियों में से 10 जुलाई तक लगभग 48.27 लाख रुपये के केवल 15 दावे दर्ज किए गए हैं। इसमें से 42.5 लाख रुपये के पांच दावे विकलांगता के हैं और 5,77,000 रुपये के 10 दावे चिकित्सा खर्च के हैं।
अधिकारी ने कहा, “हमें कुछ दावे प्राप्त हुए हैं। एसबीआई जनरल की टीम ने एक मानक संचालन प्रक्रिया लागू की है और प्राथमिकता के आधार पर प्रश्नों और दावों को संभालने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स आने वाले डेटा पर नज़र रखता है और ग्राहकों की मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है। दावा निपटान प्रक्रिया में किसी भी देरी से बचने के लिए कंपनी ने न्यूनतम आवश्यक दस्तावेज के साथ एक सरल दावा प्रक्रिया भी शुरू की है।”
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भारतीय रेलवे की बीमा पॉलिसी के तहत यात्रा के दौरान दुर्घटना के कारण मृत्यु, स्थायी या पूर्ण विकलांगता या अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में 10 लाख रुपये तक का कवर प्रदान किया गया है।
वर्तमान में IRCTC एक वैकल्पिक सेवा के रूप में ई-टिकट पर यात्रा बीमा प्रदान कर रहा है, जिसे यात्री को बुकिंग के समय चुनना होगा। दिलचस्प बात यह है कि 2021-22 में लगभग 80.43 प्रतिशत आरक्षित रेल टिकट ऑनलाइन बुक किए गए।