राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सौर मंडल की कक्षा में अनेक उपग्रहों के स्थापित होने के कारण बढ़ते मलबे पर चिंता व्यक्त की और 2030 तक भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को मलबा मुक्त बनाने का लक्ष्य तय करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सराहना की।
मुर्मू भारत के चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, संगठन के इंजीनियर, वैज्ञानिक और देश के अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर ‘रोबोटिक्स चैलेंज’ और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल और ऐतिहासिक लैंडिंग के एक साल पूरे होने पर भारत ने शुक्रवार को पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। केंद्र सरकार ने भी इस हालिया उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के लिए आसमान सीमा नहीं है बल्कि यह एक शुरुआत है।
हाल के वर्षों में देश का अंतरिक्ष बजट काफी बढ़ गया है और अंतरिक्ष उद्यमों से मुनाफा भी बढ़ रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड आपको पिछले दशक में भारत की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों और आने वाले समय में क्या होना वाला है इसकी जानकारी दे रहा है।