Ghaziabad Name Change: इलाहाबाद और फैजाबाद के बाद अब गाजियाबाद के नाम बदलने को लेकर कवायद चल रही है। पिछले कुछ समय से हिंदू संगठनों द्वारा गाजियाबाद जिले के नाम बदलने की मांग की जा रही है। गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में मंगलवार को पहली बार बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
ये दो संभावित नाम पर किया जा रहा है विचार
गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में दो नए नाम ‘गजनगर’ और ‘हरनंदी नगर’ सुझाए गए हैं।
खबरों के मुताबिक, एनसीआर जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव सोमवार को एक भाजपा पार्षद द्वारा पेश किया।
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जिले के नए नाम के प्रस्ताव पर गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ समय से गाजियाबाद का नाम बदलने के लिए अनुरोध मिल रहे थे।
उन्होंने TOI को बताया, “लेकिन यह पहली बार है कि इस मामले पर कार्यकारी स्तर पर चर्चा होगी।”
बता दें कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या होने के बाद गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग तेज हुई है।
सीएम योगी को दिया गया था एक ज्ञापन
गाजियाबाद का नाम बदलने को लेकर दूधेश्वर नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरि ने साल 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन सौंपा था। इसे लेकर महंत ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह हमारी मांगों पर गौर करेंगे।
जानें गाजियाबाद के नाम का इतिहास
गिरि ने इन दो नामों के महत्व को समझाया, गाजियाबाद के इतिहास को हस्तिनापुर से जोड़ा (जो कि केवल 40 किमी दूर है), और साथ ही क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति के कारण सुझाव दिया कि गजपुरा या गजनगर नाम उपयुक्त हो सकते हैं। गिरि ने यह भी बताया कि ‘हरनंदी नगर’ हिंडन नदी को संदर्भित करता है, जो शहर से होकर बहती है।
गाजियाबाद के नाम की उत्पत्ति 1739 में हुई जब नादिर शाह ने आक्रमण किया और इस क्षेत्र को बाधित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 1740 में गाजी-उद-दीन ने गाजीउद्दीननगर की स्थापना की। बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान 1864 में रेलवे के आगमन के साथ इसका नाम छोटा करके गाजियाबाद कर दिया गया।