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PM मोदी ने दिया इन्टरव्यू, कहा- पहले की सरकारों को भारतीयों की क्षमताओं में विश्वास नहीं था, मैंने बहुत भरोसा किया

PM मोदी ने कहा कि जब तक भारत का G-20 अध्यक्ष कार्यकाल समाप्त होगा, तब तक सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें हो चुकी होंगी

Last Updated- September 03, 2023 | 4:53 PM IST
PM Modi gave an interview, said- earlier governments did not believe in the capabilities of Indians, I trusted a lot

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश भर में जी-20 शिखर सम्मेलनों की मेजबानी करने का उनकी सरकार का फैसला लोगों, शहरों और संस्थाओं के बीच क्षमता निर्माण में निवेश करना है। इसके साथ ही उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर यह कहते हुए निशाना साधा कि उनमें राष्ट्रीय राजधानी से बाहर छोटे शहरों में ऐसे आयोजन करने को लेकर विश्वास की कमी थी क्योंकि उन्हें भारतीयों की क्षमता में यकीन नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हमेशा से लोगों पर बहुत भरोसा रहा है। इसके मद्देनजर मोदी ने अपनी संगठनात्मक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन के उस चरण के दौरान हासिल अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है जो उनके काम आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह के अंत में ‘PTI-भाषा’ को दिए एक विशेष इन्टरव्यू में कहा, ‘मुझे अपने लोगों की क्षमताओं पर बहुत भरोसा रहा है। मैं एक संगठनात्मक पृष्ठभूमि से आता हूं और जीवन के उस चरण के दौरान कई अनुभव हुए हैं, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। मुझे उन चीजों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मंच और अवसर मिलने पर आम नागरिक भी कुछ कर गुजरने की ताकत रखता है।’

मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री पद और 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सरकारी दायित्व संभालने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठनात्मक कार्यों में लंबा समय बिताया है। उन्होंने कहा कि जब तक भारत का जी-20 अध्यक्ष कार्यकाल समाप्त होगा, तब तक सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें हो चुकी होंगी और लगभग 125 राष्ट्रीयताओं के एक लाख से अधिक प्रतिभागी भारतीयों के कौशल को देखेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में 1.5 करोड़ से अधिक लोग इन कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं या इनके कुछ पहलुओं के संपर्क में आए हैं।’

G-20 बैठकों के पूरे भारत में आयोजन की अवधारणा के पीछे उनके तर्क के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि कुछ देशों ने, भले ही आकार में छोटे हों, उन्होंने ओलंपिक जैसे उच्च-स्तरीय वैश्विक आयोजन की जिम्मेदारी ली और इसका उन देशों पर सकारात्मक और परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों ने उनके विकास को प्रेरित किया और खुद के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदल दिया और जिस तरह से दुनिया ने उनकी क्षमताओं को पहचानना शुरू कर दिया, वास्तव में यह उनकी विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।

मोदी ने कहा कि भारत में अपने विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरों में दुनिया का स्वागत करने, मेजबानी करने और जुड़ने की व्यापक क्षमता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों से यह भी अपील की थी कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक राज्य G-20 के दौरान उनकी यात्रा करने वाले प्रतिनिधियों और उनके देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना जारी रखे। उन्होंने कहा, “इससे भविष्य में लोगों के लिए बहुत सारे अवसर भी खुलेंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसलिए जी-20 से जुड़ी गतिविधियों के विकेंद्रीकरण के पीछे गहरी योजना है। हम अपने लोगों, अपने संस्थानों और अपने शहरों में क्षमता निर्माण में निवेश कर रहे हैं।’

पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से अतीत में दिल्ली में केवल विज्ञान भवन और उसके आसपास ही आयोजनों को केंद्रित रखने का रवैया हुआ करता था और यह शायद इसलिए था कि यह एक आसान तरीका था या शायद इसलिए कि सत्ता में बैठे लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों में इस तरह की योजनाओं को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए विश्वास की कमी थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने लोगों की क्षमताओं पर बहुत भरोसा है।’ उन्होंने कहा कि अगर आप ध्यान से देखें तो वर्षों से उनकी सरकार ने हर क्षेत्र के लोगों पर भरोसा किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आठवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन गोवा में हुआ। कई प्रशांत द्वीप देशों को शामिल करते हुए दूसरा FIPIC शिखर सम्मेलन जयपुर में हुआ। वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन हैदराबाद में हुआ।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत का दौरा करने वाले कई विदेशी नेताओं की मेजबानी दिल्ली के बजाय देश भर में विभिन्न स्थानों पर की जाए। उन्होंने कहा कि यही रुख G-20 में भी जारी है, और यह बड़े पैमाने पर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रत्येक वैश्विक कार्य ने लॉजिस्टिक्स, आतिथ्य (hospitality), पर्यटन, सॉफ्ट स्किल और परियोजनाओं के निष्पादन जैसे कई क्षेत्रों में क्षमता निर्माण को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, “यह प्रत्येक क्षेत्र के लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। अब, वे जानते हैं कि वे कुछ विश्व स्तरीय कर सकते हैं। इस क्षमता और आत्मविश्वास को विभिन्न अन्य रचनात्मक प्रयासों में भी लगाया जाएगा जो प्रगति और समृद्धि को आगे बढ़ाएंगे।’

मोदी ने कहा कि इसके अलावा सरकार न केवल सभी राज्यों में बैठकें आयोजित कर रही है बल्कि प्रत्येक राज्य यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि वे प्रतिनिधियों के दिमाग पर अपनी अनूठी सांस्कृतिक छाप छोड़ें। उन्होंने कहा, ‘इससे दुनिया को भारत की अद्भुत विविधता का अंदाजा भी हो रहा है।’

First Published - September 3, 2023 | 4:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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