प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभार्थियों के जीवन में आए बदलाव को ‘साहस, संतोष और सपनों’ को पूरा करने की कहानी करार दिया। मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार प्रयास कर रही है कि सहकारी समितियां भारत में ग्रामीण जीवन का एक मजबूत पहलू बनकर उभरें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके मद्देनजर दूध तथा चीनी उत्पादन जैसे क्षेत्रों में पहचान बनाने के बाद अब कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में तेजी लाई जा रही है।
‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों के साथ बातचीत में मोदी ने यह भी कहा कि जब वह लोगों के साथ बातचीत करते हैं तो उनका आत्मविश्वास देखना उनके लिए संतुष्टि का एक बड़ा स्रोत रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने इस यात्रा के कुछ लाभार्थियों से संवाद भी किया।
उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा के अद्भुत परिणाम सामने आ रहे हैं। आज देश के लाखों लाभार्थी सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने का माध्यम बन रहे हैं। लोगों को नई ताकत मिल रही है और वे अपना बेहतर भविष्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और गांवों में महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए भारत सरकार बहुत बड़ा अभियान चला रही है। उन्होंने कहा, ‘जिस प्रकार देश के गरीब, किसान, युवा और महिलाएं आत्मविश्वास से अपनी बातें सामने रखते हैं, उन्हें सुनकर मैं खुद विश्वास से भर जाता हूं, यह उनके साहस, संतुष्टि और सपनों से भरी कहानी है।’
इस कार्यक्रम में देश भर से विकसित भारत संकल्प यात्रा के हजारों लाभार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा को आरंभ हुए अभी 50 दिन भी नहीं हुए हैं लेकिन यह लाखों गांवों तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा, ‘यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का लक्ष्य हर उस व्यक्ति तक पहुंचना है जो किसी कारणवश भारत सरकार की योजनाओं से वंचित रह गया है।’
उन्होंने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ वाली वाली गाड़ी जहां भी जा रही है लोगों की उम्मीदें पूरी कर रही है। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने के बाद उज्ज्वला गैस कनेक्शन के लिए 4.30 लाख नए लोगों ने आवेदन किए हैं और एक करोड़ आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार इसके जरिए देशव्यापी स्वास्थ्य जांच की जा रही हैं और लगभग सवा करोड़ लोग इसका लाभ ले चुके हैं।