दिल्ली सरकार ने बारिश के कारण प्रदूषण स्तर सुधरने से ऑड-ईवन योजना को टालने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के मुताबिक आज दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 279 दर्ज किया गया, जो गुरुवार के 437 एक्यूआई से करीब 36 फीसदी कम है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अति गंभीर श्रेणी (450 से अधिक एक्यूआई) में पहुंचने के बाद ऑड-ईवन लागू करने का निर्णय लिया था। लेकिन अब बारिश होने से यह 300 से नीचे चला गया है। आगे इसमें और सुधार की संभावना को देखते हुए सरकार ने 13 से 20 नवंबर के बीच ऑड-ईवन लागू करने के फैसले को अब टाल दिया है।
दीवाली बाद प्रदूषण के हालात की समीक्षा की जाएगी। अगर प्रदूषण के स्तर में कोई गंभीर स्थिति देखी जाएगी तो फिर ऑड-ईवन लागू करने पर विचार किया जा सकता है। इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और दिल्ली से सटे कुछ अन्य राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं रोकनी होंगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए समाधान खोजना होगा।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह के पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदूषण से जुड़ी कई रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा।
पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘ऑड-ईवन’ कार योजना लाने का फैसला राज्य सरकार को करना है और न्यायालय इस पर कोई निर्देश जारी नहीं करेगा। पीठ ने कहा कि सम-विषम योजना से न्यायालय का कोई लेना-देना नहीं है और इसने कभी नहीं कहा कि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली टैक्सियों पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए।