प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह समय दूर नहीं जब देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मोदी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं, देश के सभी हिस्सों में संपर्क को बढ़ावा और रोजगार व उद्योग को समर्थन देना आदि रेल क्षेत्र में विकास के चार मानकों पर काम कर रही है। लोग अब लंबी दूरी तय करने में कम समय बिताना चाहते हैं, इसलिए हाई स्पीड ट्रेनों की मांग बढ़ रही है और भारत ने नए साल में संपर्क के मामले में अपनी तेज रफ्तार बनाए रखी है।
देशभर से हाई स्पीड ट्रेनों की बढ़ती मांग और अपनी सरकार के तहत रेल के क्षेत्र में हुए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि वह समय दूर नहीं जब भारत में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नए जम्मू रेलवे डिवीजन के उद्घाटन सहित रेल से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने यह भी कहा कि पिछले दशक में रेलवे में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं।
इस दौरान मोदी ने तेलंगाना में चारलापल्ली नए टर्मिनल स्टेशन का भी उद्घाटन किया और पूर्वी तटीय रेलवे के रायगडा रेलवे डिवीजन भवन की आधारशिला रखी। उन्होंने हाल ही में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन के परीक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि 50 से अधिक मार्गों पर 136 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।
पिछले कुछ दिनों में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत किए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने नए साल में संपर्क के मामले में भी तेज रफ्तार बनाए रखी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कल दिल्ली-एनसीआर में ‘नमो भारत’ ट्रेन का शानदार अनुभव लिया और दिल्ली मेट्रो की अहम परियोजनाओं की शुरुआत की।
मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना, देश के सभी हिस्सों में संपर्क को बढ़ावा देना और रोजगार व उद्योग को समर्थन देना, रेल क्षेत्र में विकास के चार मानकों पर सरकार काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग लंबी दूरी तय करने में कम समय बिताना चाहते हैं, जिससे हाई स्पीड ट्रेनों की मांग बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में रेल संपर्क का भी अद्भुत विस्तार हुआ है। वर्ष 2014 तक देश में सिर्फ 35 प्रतिशत रेल लाइनों का विद्युतीकरण हुआ था। आज भारत, रेल लाइनों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के करीब है। हमने रेलवे की पहुंच को भी लगातार विस्तार दिया है। बीते 10 वर्षों में 30 हजार किमी. से ज्यादा नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं।’
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, जम्मू रेलवे डिवीजन के निर्माण से 742.1 किलोमीटर लंबे पठानकोट, जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला, भोगपुर, सिरवाल और बटाला-पठानकोट तथा पठानकोट से जोगिन्दर नगर खंडों को महत्वपूर्ण लाभ होगा, जिससे लोगों की लंबे समय से लंबित
आकांक्षा पूरी होगी और भारत के अन्य हिस्सों से संपर्क में सुधार होगा।