facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

रेलवे ने अप्रैल में बढ़ाई कोयले की ढुलाई, बिजली संकट से बचने की हो रही तैयारी

Last Updated- May 07, 2023 | 11:39 PM IST
Indian Railways

रेलवे ने ताप बिजली संयंत्रों (thermal power plants) पर कोयले के पर्याप्त स्टॉक के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है, जिससे 2022 की गर्मियों जैसा संकट न आए। रेल मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी और मार्च की ही तरह अप्रैल में भी कोयले की ढुलाई पिछले साल की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा है।

रेलवे ने अप्रैल में ताप बिजली घरों पर 482.3 लाख टन कोयला पहुंचाया है, क्योंकि कोयले की मांग पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहने की उम्मीद है।

इसके अलावा रेलवे ने इस साल अप्रैल में बिजली संयंत्रों तक मोटे तौर पर 5 लाख टन आयातित कोयला पहुंचाया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 18.4 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें से दक्षिण और पश्चिम रेलवे जोन की ढुलाई में क्रमशः 121 प्रतिशत और 40 प्रतिशत बढ़ी है।

अप्रैल महीने में ताप और औद्योगिक आयातित कोयले की ढुलाई 15.7 प्रतिशत बढ़ी है।

अधिकारियों ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में रुक रुककर हुई शुरुआती बारिश से भी कोयले की आवाजाही प्रभावित हुई है, साथ ही बिजली की मांग भी उतनी नहीं बढ़ी, जितना पहले अनुमान लगाया गया था।

भारत की बिजली की मांग जून तक 220 गीगावॉट के पार पहुंचने की संभावना है। बिजली की मांग इस साल की शुरुआत में बढ़कर 200 गीगावॉट पर पहुंच गई थी, लेकिन उसके बाद बेमौसम बारिश के कारण बिजली की मांग में कमी आई। अप्रैल में बिजली की मांग 180 से 185 गीगावॉट के आसपास बनी रही।

बिजली की मांग बढ़ने से कोयले की मांग बढ़ जाने के अनुमान को देखते हुए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली उत्पादकों को अपनी कुल जरूरत का 6 प्रतिशत आयात करना अनिवार्य कर दिया था।

Also read: बढ़ रही बिजली की मांग, कोयला आपूर्ति के लिए रेलवे हर रोज चलाएगा 600 मालगाड़ियां

आयातित कोयले की निविदा आमंत्रित कर चुके राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं।

घरेलू कोयले की स्थिति देखें तो पिछले वित्त वर्ष में कोयला का उत्पादन बढ़कर 8,930 लाख टन पहुंच गया था, जिसमें से सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने 7,030 लाख टन कोयला उत्पादन किया, जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।

बहरहाल अप्रैल महीने में रेलवे की कुल कोयला ढुलाई (औद्योगिक और बिजली) 620 लाख टन रही, जो इसके पहले के साल की समान अवधि की तुलना में 7 प्रतिशत ज्यादा है।

आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल औद्योगिक कोयले की ढुलाई भी बढ़ी है, जिसकी घरेलू आपूर्ति पिछले साल बिजली संयंत्रों को कोयला देने के लिए घटा दी गई थी।

सूत्रों ने कहा कि रेलवे ने मई में 750 लाख टन कोयले की ढुलाई का लक्ष्य रखा है।

Also read: रेलवे अपने बाकी बचे प्रिंटिंग प्रेस भी करेगा बंद, थर्ड पार्टी को मिल सकता है टिकट छापने का ठेका

मई और जून 2022 में रेलवे को कोयले की ढुलाई बढ़ाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में 1,000 से ज्यादा यात्री रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा था क्योंकि ताप बिजली संयंत्रों पर कोयले की कमी के कारण देश को बिजली संकट का खतरा पैदा हो गया था।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने सरकारी मशीनरी की विफलता की खबर दी थी, जिसमें इस मसले पर कोयला, बिजली और रेल मंत्रालय अपनी जवाबदेही दूसरे पर टाल रहे थे।

कुल मिलाकर रेलवे की ढुलाई पहले के साल की तुलना में महज 3 प्रतिशत बढ़कर 1,260 लाख टन रही है। वित्त वर्ष 24 के बजट में माल ढुलाई में परंपरागत वृद्धि का ही अनुमान रखा गया है और ट्रैक इन्फ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने पर जोर है, जिसके कारण मालगाड़ियों की आवाजाही बाधित होती है।

Also read: कोयला मंत्रालय का 1 अरब टन उत्पादन का लक्ष्य; 50 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है एसेट मोनेटाइजेशन

राष्ट्रीय रेल योजना के तहत 2030 तक देश की माल ढुलाई में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए रेलवे को वृद्धि दर 10 प्रतिशत बरकरार रखने की जरूरत है।

First Published - May 7, 2023 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट