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घरेलू हवाई किराया कम करना मेरी प्राथमिकताः राम मोहन नायडू

भारत ने मार्च, 1994 में एयर कॉरपोरेशन अधिनियम निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने घरेलू हवाई किराया बाजार को नियंत्रणमुक्त कर दिया।

Last Updated- June 13, 2024 | 10:48 PM IST
Ram Mohan Naidu

तेलुगू देश पार्टी (TDP) के सांसद राम मोहन नायडू (Ram Mohan Naidu) ने गुरुवार को नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) का कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि हवाई किराया कम करना और आम आदमी के लिए हवाई यात्रा को और अधिक सुलभ बनाना मेरी प्राथमिकता है।

नायडू ने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘जब से मुझे नागर विमानन मंत्री बनाया गया है, लोग मुझे महंगे हवाई किराये के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जहां भी मैं जा रहा हूं लोग मुझे खासकर कोविड-19 के बाद से महंगे हवाई किराये के बारे में बता रहे हैं।’

भारत में हवाई किराया सरकार के नियंत्रण में नहीं है। नायडू ने कहा, ‘मुझे इस बारे में गहनता से जानने की जरूरत है इसलिए मैं सभी पक्षों के साथ बैठक करूंगा। मैं एक समीक्षा बैठक करूंगा। मेरी प्राथमिकता निश्चित रूप से हवाई किराया कम करने की होगी क्योंकि यह आम आदमी के लिए चुनौती बन गई है।’

उन्होंने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य भारत को दुनिया भर का सबसे बड़ा घरेलू नागर विमानन बाजार बनाना है। उन्होंने कहा, ‘इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हवाई किराया किफायती होना चाहिए। हमारा इरादा हवाई यात्रा को आम आदमी तक पहुंचाने का है।’

भारत ने मार्च, 1994 में एयर कॉरपोरेशन अधिनियम निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने घरेलू हवाई किराया बाजार को नियंत्रणमुक्त कर दिया। इस कदम के बाद विमानन कंपनियों को किराये पर सरकारी नियंत्रण के बिना पूरी आजादी से काम करने की अनुमति मिल गई। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ गई और यात्रियों के लिए कीमतें कम हो गईं। उसके बाद से सरकार ने हवाई किराये को नियंत्रित करने से इनकार कर दिया।

जब त्योहारों के दौरान हवाई किराये आसमान छूने लगते हैं तो फिर से ऐसा करने की जोरदार मांग सामने आती है। हालांकि, सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश भर में उड़ानों की संख्या प्रतिबंधित कर दी थी और केंद्र सरकार ने उड़ानों की दूरी के आधार पर हवाई किराये की ऊपरी और निचली मूल्य सीमा तय कर दी थी।

सरकार ने करीब दो वर्षों के लिए यानी अगस्त 2022 तक ऐसा किया था। यात्रियों को उच्च हवाई किराये से बचाने के लिए ऊपरी मूल्य सीमा लगाई गई थी और आर्थिक रूप से मजबूत विमानन कंपनियों को कमजोर विमानन कंपनियों से बेहद कम कीमत पर टिकट बेचने से रोकने के लिए निचली मूल्य सीमा लागू की गई थी।

वैश्विक महामारी के बाद उड़ानों की संख्या और टिकट की कीमतों से प्रतिबंध हटाने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार ने लगातार कहा है कि हवाई किराये को नियंत्रित नहीं किया जाएगा।

पिछले साल दिसंबर में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोक सभा में कहा था, ‘प्रचलित नियमों के अनुसार, सरकार न तो हवाई किराया तय करती है और न ही इस पर नियंत्रण लगा सकती है। दुनिया भर में अधिकतर देशों ने अपने विमानन क्षेत्र को नियंत्रणमुक्त कर दिया है।’

उन्होंने कहा था, ‘नियंत्रण मुक्त होने से विमानन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है जिससे हवाई किराये में कमी आई है। नियंत्रण नहीं होने के नतीजतन, विमानन उद्योग में संभावित नई विमानन कंपनी का प्रवेश आसान हो गया है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। नियंत्रण नहीं होने का सीधा प्रभाव यह है कि कमजोर आय वाले लोग भी हवाई यात्रा कर रहे हैं।’

First Published - June 13, 2024 | 10:20 PM IST

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