रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुतिन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा समर्थन देने का वादा किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया, “राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को फोन कर पहलगाम हमले की निंदा की। उन्होंने मासूम लोगों की जान जाने पर गहरी संवेदना जताई और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। पुतिन ने जोर देकर कहा कि इस जघन्य हमले के गुनहगारों और उनके समर्थकों को सजा मिलनी चाहिए।”
पुतिन ने इस दौरान आतंकियों और उनके मददगारों को न्याय के कठघरे में लाने की जरूरत पर भी बल दिया।
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फोन कॉल के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी ने पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ की बधाई दी और उन्हें इस साल होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन में आने का न्योता दिया।
पुतिन का यह फोन कॉल ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी न्यूज एजेंसी रिया नोवोस्ती को दिए इंटरव्यू में पहलगाम हमले की जांच के लिए रूस, चीन या पश्चिमी देशों की मदद लेने की बात कही थी। आसिफ ने सुझाव दिया कि एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल बनाकर यह पता लगाया जाए कि भारत के दावे सही हैं या नहीं।
आसिफ ने कहा, “मुझे लगता है कि रूस, चीन या पश्चिमी देश इस संकट में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल बनाया जाना चाहिए जो यह पता लगाए कि भारत या मोदी सच बोल रहे हैं या झूठ।” उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी अंतरराष्ट्रीय जांच के पक्ष में हैं।
आसिफ ने हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन दावों का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, “ये सिर्फ खोखले बयान हैं, और कुछ नहीं।”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक जाना-माना प्रॉक्सी है। भारत ने हमले के लिए आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है और पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है। इस बीच, भारत सरकार ने इस हमले के पीछे शामिल सभी लोगों को सजा देने का संकल्प लिया है।