बाजार नियामक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायणन ने कहा कि नियामक की भूमिका न सिर्फ बाजार में गड़बड़ी को रोकना है बल्कि पूंजी का निर्माण भी सुनिश्चित करना है। और तकनीक व इनोवेशन के लिए देश में निवेश में मजबूती की खातिर यह काफी उत्साहजनक समय है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सेबी अधिनियम 1992 की प्रस्तावना में वर्णित सेवा के तीन स्तंभ हैं निवेशकों की सुरक्षा, बाजार का विकास और बाजार का विनियमन। हालांकि ऐसा विशेष तौर पर कहा नहीं गया है, लेकिन यह स्पष्ट तौर पर सेबी को पूंजी निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत बताता है।
नारायण ने कई आंकड़ों को यह बताने के लिए रेखांकित किया कि कैसे प्रतिभूति बाजार की पूरी व्यवस्था अब देसी बचत के वित्तीयकरण को प्रोत्साहित कर रहा है और इस तरह से पूंजी निर्माण में मजबूती ला रहा है। उन्होंने कहा, मार्च 2020 में यूनिक म्युचुअल फंड निवेशकों की संख्या करीब 2.2 करोड़ थी, जो सितंबर तक बढ़कर पहली बार 4 करोड़ पर पहुंच गई।
इसी तरह यूनिक डीमैट खाताधारकों की संख्या मार्च 2020 में करीब 4.2 करोड़ थी, जो आज बढ़कर 9 करोड़ के पार चली गई है। अप्रैल 2020 से हमारे म्युचुअल फंड इक्विटी व इक्विटी संबंधी योजनाओं में करीब 7.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो इस अवधि में एफपीआई के निवेश का तीन गुना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देसी निवेशक यहां के बाजारों को स्थिरता प्रदान कर रहे हैं।