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भतीजे का तोड़ भतीजा! महाराष्ट्र के सियासी रंगमंच पर शरद पवार ने चलनी शुरू कर दी चाल

शरद पवार ने अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र पवार को बारामती से चुनाव मैदान में उतार दिया है।

Last Updated- February 21, 2024 | 7:52 PM IST
महाराष्ट्र के सियासी रंगमंच पर पवार ने चलनी शुरू कर दी चाल, Pawar started playing tricks on the political theater of Maharashtra

महाराष्ट्र के राजनीतिक रंगमंच पर शरद पवार सियासी बिसात बिछाना शुरू कर दिये हैं। परंपरागत गढ़ बारामती को बचाने के लिए भतीजे अजित पवार के सामने उनके भतीजे युगेन्द्र पवार को खड़ा करने की तैयारी में हैं तो दूसरी ओर अशोक चव्हाण को निशाना बना कर भाजपा के रथ को रोकना चाह रहे है। चुनाव आयोग के फैसले के सहारे जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश में है। राज्य में राजनीतिक उठापटक के बीच अशोक चव्हाण पर हो रहे चौतरफा हमले को देखते हुए पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है।

भतीजे का तोड़ भतीजा

शरद पवार ने अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र पवार को बारामती से चुनाव मैदान में उतार दिया है। युगेंद्र ने शरद पवार गुट को मजबूत करने की हुंकार बारामती में भर दी। यानी भतीजे का तोड़ भतीजा होगा। शरद पवार ने दावा किया कि संसद में पेश श्वेत पत्र में आदर्श हाउसिंग घोटाले का जिक्र एक तरह से धमकी थी, जिसके कारण अशोक चव्हाण को कांग्रेस छोड़नी पड़ी।

अशोक  चव्हाण का कांग्रेस छोड़ना सभी के लिए आश्चर्यजनक

पवार ने कहा कि चव्हाण का कांग्रेस छोड़ना सभी के लिए आश्चर्यजनक था, लेकिन वह व्यक्तिगत रूप से आश्चर्यचकित नहीं थे। इसका कारण यह है कि भाजपा ने अपने पिछले 10 वर्षों के प्रदर्शन और विपक्ष के बारे में अपनी राय पर एक श्वेत पत्र पेश किया था। उस श्वेत पत्र में, आदर्श सोसायटी और अशोक चव्हाण का उल्लेख था। उस उल्लेख के बाद हमने यह माना कि यह एक तरह की धमकी हो सकती है, जिसका यह परिणाम चव्हाण का कांग्रेस छोड़ना है।

अशोक  चव्हाण की बढ़ी सुरक्षा

खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा विभाग ने चव्हाण को दी जा रही सुरक्षा की श्रेणी को बढ़ाकर ‘वाई-प्लस’ कर दिया है। राज्य पुलिस ने मुंबई और गृहनगर नांदेड़ में स्थित चव्हाण के आवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। इससे पहले चव्हाण को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। चव्हाण पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़ने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने चव्हाण को महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।

हालांकि चव्हाण ने पवार के दावों से इनकार किया है। वह आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में आरोपी हैं, जिसमें दक्षिण मुंबई में 31 मंजिला इमारत का निर्माण कथित तौर पर अपेक्षित अनुमति और मंजूरी प्राप्त किए बिना रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाली भूमि पर किया गया था। इस कथित घोटाले के कारण 2010 में चव्हाण को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

Also read: Cong-SP Alliance: कांग्रेस करेगी साइकिल की सवारी, UP में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी पार्टी

कांग्रेस में विलय की नहीं कोई योजना- पवार

कांग्रेस में विलय की खबरों को खारिज करते हुए पवार ने कहा कि हमारी पार्टी और कांग्रेस एक साथ काम करते हैं। हम, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस अब अलग नहीं हैं। ज्यादातर समय, हम एक साथ बैठते हैं और चर्चा करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि विलय की जरूरत है। सत्ता में बैठे लोग किसी भी तरह से विपक्ष को किनारे करने की कोशिश कर रहे हैं।

शरद पवार ने कहा कि कुछ राज्यों में विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटकों दलों के बीच सीटों के बंटवारे सहित अन्य मुद्दों पर मतभेद हैं, जिन्हें अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेता सुलझाने की कोशिश करेंगे। विपक्षी गठबंधन में अधिकतर पार्टियां अपने राज्यों तक ही सीमित हैं, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि ये सभी दल अपने-अपने राज्यों में अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर बैठक करेंगे।

उत्तर प्रदेश में पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर आम सहमति का अभाव है। वहीं, पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के साथ-साथ कुछ और समस्याएं भी हैं, जिसका कारण यह है कि टीएमसी, माकपा और कांग्रेस जैसी कुछ पार्टियां एक-दूसरे की विरोधी हैं। हमारी यही रणनीति है कि जहां भी संभव है, हम वहां मुद्दों को सुलझा रहे हैं।

चुनाव आयोग के फैसलों पर ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता

शरद पवार ने कहा कि उन्होंने पार्टी की स्थापना की, लेकिन पार्टी और उसका चिह्न (घड़ी) उनसे छीन लिया गया और दूसरों को दे दिया गया। आयोग के फैसलों पर ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि आम चुनाव नजदीक हैं। चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद वे मांग करेंगे कि सभी राजनीतिक दल एक साथ आएं और इस मुद्दे पर चर्चा करें। हमने अपनी आशंकाओं के संबंध में निर्वाचन आयोग को पहले ही एक पत्र भेज दिया है। पत्र में आयोग के मौजूदा कामकाज में कुछ सुधारों का सुझाव दिया गया है। मैं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा के डी. राजा, टीएमसी और समाजवादी पार्टी के नेता इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।

First Published - February 21, 2024 | 7:52 PM IST

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