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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के 8 महीने बाद…लक्षद्वीप जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी

सिरियम के अनुसार, द्वीप पर जाने वाली उड़ानों की संख्या 31 जुलाई, 2023 के मुकाबले इस साल जुलाई में 3.5 गुना बढ़कर 106 हो गई।

Last Updated- August 21, 2024 | 11:35 PM IST
How flights, capacity has gone up to Lakshadweep post PM Modi's call प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के 8 महीने बाद...लक्षद्वीप जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी

भारतीयों से लक्षद्वीप की यात्रा करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध का असर देखने को मिल रहा है। मालदीव के कुछ राजनेताओं द्वारा नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के बाद बीते आठ महीनों में देश के नागरिकों ने अपने प्रधानमंत्री के आह्वान का पूरा समर्थन किया है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल-जून में इस भारतीय द्वीप के लिए उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या दोगुना होकर 22,990 रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 11,074 थी। साथ ही इसी अवधि के दौरान विमानों की आवाजाही में भी 88 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो बीते साल के 418 से बढ़कर इस साल 786 हो गई है। उल्लेखनीय है कि अगाती हवाईअड्डे पर सिर्फ छोटे टर्बो वाले विमान ही उतर सकते हैं।

इससे साफ पता चलता है कि विमानन कंपनियों ने अपनी क्षमता पर दबाव डाला है। सिरियम के अनुसार, द्वीप पर जाने वाली उड़ानों की संख्या 31 जुलाई, 2023 के मुकाबले इस साल जुलाई में 3.5 गुना बढ़कर 106 हो गई। नतीजतन, सीटों की कुल संख्या भी बीते साल जुलाई के 2,170 से इस साल जुलाई में कई गुना बढ़कर 7,844 हो गई है। साल 2023 में सिर्फ अलायंस एयर के विमान कोच्चि से उड़ान भरते थे और इस साल जुलाई में तीन विमानन कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू की हैं।

लक्षद्वीप के लिए इंडिगो की इस साल फरवरी तक कोई उड़ान नहीं थी मगर कंपनी ने जुलाई में कोच्चि और बेंगलूरु से 53 उड़ानें संचालित की हैं। सीधी उड़ान सेवा देने वाली गोवा फ्लाई 91 ने भी इसी महीने 21 उड़ानें भरी हैं। जानकारों का कहना है कि बड़े विमान उतरने वाला नया हवाईअड्डा बन जाने के बाद यह संख्या कई गुना तक बढ़ जाएगी।

ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टाफी) के उपाध्यक्ष अनिल कलसी ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि मौजूदा हवाई अड्डे के विस्तार और नए हवाई अड्डे के शुरू होने के बाद पर्यटकों की संख्या कम से कम तीन गुना तक बढ़ सकती है। फिलहाल अधिकतर उड़ानें भरी रहती हैं इसलिए मांग ज्यादा है। साथ ही मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए बड़े समूह द्वारा नए रिजॉर्ट एवं होटल भी बनाए जा रहे हैं।’

मगर लक्षद्वीप का लाभ मालदीव की हानि है। खासकर तब जब दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। उदाहरण के लिए मालदीव इमिग्रेशन के आंकड़े दर्शाते हैं कि इस साल अप्रैल-जुलाई के बीच भारतीय पर्यटकों की कुल संख्या में 45 फीसदी की भारी गिरावट आई है। यह पिछले साल अप्रैल-जुलाई में 66,375 थी, जो इस साल इसी अवधि में 36,761 रह गई। इससे भी बड़ी बात यह है कि इस साल इसी अवधि में मालदीव में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी भी 12 फीसदी से आधी रहकर 6.3 फीसदी हो गई है।

बेशक विमानन कंपनियां क्षमता का विस्तार नहीं कर रही हैं और पिछले साल जुलाई के मुकाबले इस साल जुलाई में इंडिगो और एयर इंडिया की मालदीव के लिए उड़ानों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मालदीव की सरकारी विमानन कंपनी मालदीवियन ने इसी अवधि में अपनी उड़ानों में मामूली कमी की है। इस दौरान विस्तारा ने क्षमता बढ़ाई है क्योंकि इसके अक्टूबर 2023 में दिल्ली से एक नया गंतव्य जोड़ा था।

जो देश पर्यटकों की संख्या के लिहाज से शीर्ष तीन में शामिल था वह अब अधिकतर महीनों में पांचवें-छठे स्थान पर खिसक गया है। भारत से पर्यटकों की संख्या में गिरावट की भरपाई चीन अथवा रूस जैसे देशों से भी नहीं हो पाई है क्योंकि अप्रैल-जुलाई के दौना मालदीव में कुल पर्यटकों का आगमन पिछले साल के मुकाबले कम ही रहा है।

First Published - August 21, 2024 | 10:51 PM IST

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