रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि विपक्षी दलों को भारतीय रेल के निजीकरण की फर्जी बातें नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस परिवहन सेवा के निजीकरण का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने लोक सभा में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि भारतीय रेल का पूरा ध्यान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर है, वहीं युवाओं को रेलवे में अवसर देने के उद्देश्य से इस समय 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
विधेयक पर गत 4 दिसंबर को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण की दिशा में बढ़ने का आरोप लगाया था। चर्चा में 72 सांसदों ने भाग लिया था। पिछले कई दिन से विभिन्न मुद्दों पर सदन में गतिरोध के कारण रेल मंत्री का जवाब नहीं हो सका था। बुधवार को रेल मंत्री वैष्णव के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया।
वैष्णव ने चर्चा के जवाब में कहा, ‘कई सदस्यों ने निजीकरण होने का विमर्श बनाने की कोशिश की। कृपया फर्जी विमर्श बनाने की कोशिश मत करिये। आपका संविधान वाला फर्जी विमर्श विफल हो चुका है। अब कोई फर्जी विमर्श नहीं गढ़ें।’ उनका कहना था, ‘कहीं निजीकरण का कोई प्रश्न नहीं है। मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि कृपया इस फर्जी विमर्श को आगे नहीं बढ़ाएं। रक्षा और रेलवे दो ऐसे विषय हैं, जिन्हें राजनीति से दूर रखकर इन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।’
रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे का पूरा ध्यान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर है। रेलगाड़ियों में गैर-एसी डिब्बे दो तिहाई होते हैं और एसी डिब्बे एक तिहाई हैं, करीब 12,000 नए सामान्य कोच बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने रेलवे में नौकरियों के संबंध में कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहूंगा कि संप्रग सरकार के समय 4,11,000 लोगों को नौकरी मिली थी, जबकि मोदी सरकार में 5,02,000 युवाओं की भर्ती रेलवे में की गई है।’ उन्होंने बताया कि रेलवे में इस समय 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर पूर्व क्षेत्र के राज्यों में रेलवे के विकास में अभूतपूर्व काम किया है और कई राज्यों में रेलवे परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से शेष भारत को जोड़ने के लिए परियोजना पर परीक्षण आदि का काम पूरा हो चुका है और अगले चार महीने में इस पर रेलगाड़ी चलने लगेगी।
वैष्णव ने कहा कि चिनाब रेलवे पुल 359 मीटर ऊंचा है और यदि एफिल टॉवर से इसकी तुलना करें तो यह उससे 35 मीटर ऊंचा है।