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डिजिटल तकनीक के लिए हो वैश्विक रूपरेखा, AI और टेक्नोलॉजी के नैतिक उपयोग के लिए स्पष्ट निर्देश की जरूरत: PM मोदी

मोदी ने कहा, ‘आपस में जुड़ी दुनिया में सुरक्षा के मसले पर विचार करने में देर नहीं करनी चाहिए।'

Last Updated- October 15, 2024 | 10:49 PM IST
There should be a global framework for digital technology, clear instructions are needed for the ethical use of AI and technology: PM Modi डिजिटल तकनीक के लिए हो वैश्विक रूपरेखा, AI और टेक्नोलॉजी के नैतिक उपयोग के लिए स्पष्ट निर्देश की जरूरत: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक स्तर पर ऐसी रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है, जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग के लिए स्पष्ट निर्देश हों। 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के उद्घाटन करते हुए मोदी ने वैश्विक संस्थानों से वैश्विक संचालन के लिए इसके महत्त्व को पहचानने का आग्रह किया।

मोदी ने कहा कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था। वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ का दिशानिर्देश बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने डिजिटल उपकरणों और ऐप्लिकेशन की प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए साइबर खतरों से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा वैश्विक संस्थानों द्वारा सामूहिक कार्रवाई का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह से विमानन क्षेत्र ने वैश्विक स्तर पर व्यापक रूपरेखा तैयार की है, वैसा ही डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने आईएमसी के साथ-साथ आयोजित हो रहे विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए 2024) से दूरसंचार के लिए सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने और सुरक्षित चैनल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

मोदी ने कहा, ‘आपस में जुड़ी दुनिया में सुरक्षा के मसले पर विचार करने में देर नहीं करनी चाहिए। भारत का डेटा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति सुरक्षित डिजिटल वातावरण तैयार करने के प्रति हमारे संकल्प को दर्शाती है।’

प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूटीएसए के सदस्यों को ऐसा मानक तैयार करने का आग्रह किया जो समावेशी, सुरक्षित और भविष्य की चुनौतियों के अनुकूल हों, जिसमें नैतिक एआई और निजी जानकारी की गोपनीयता मानक शामिल हैं।

मोदी ने कहा, ‘21वीं सदी में भारत की मोबाइल और दूरसंचार यात्रा पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मोबाइल और दूरसंचार को एक सुविधा के रूप में देखा जाता है मगर भारत में दूरसंचार केवल कनेक्टिविटी का माध्यम नहीं है, बल्कि समानता और अवसर का जरिया भी है।

भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में 120 करोड़ मोबाइल फोन उपयोगकर्ता और 95 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। देश में पूरी दुनिया के 40 फीसदी से ज्यादा डिजिटल लेनदेन होते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि कैसे डिजिटल संपर्क अंतिम छोर तक आपूर्ति के लिए प्रभावी उपकरण बन गया है।

First Published - October 15, 2024 | 10:49 PM IST

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