घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या चालू वित्त वर्ष में सात से दस प्रतिशत बढ़कर 16.4 से 17 करोड़ तक रहने का अनुमान है। इसी अवधि में विमानन उद्योग का घाटा 2,000-3,000 करोड़ रुपये रहने के आसार है।
साख निर्धारण करने वाली एजेंसी इक्रा के अनुसार 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7.93 करोड़ रही थी। हालांकि यह भीषण गर्मी और अन्य मौसम संबंधी व्यवधानों से आंशिक रूप से प्रभावित हुई।
भारतीय विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 16.2 प्रतिशत बढ़ी।
इक्रा ने भारतीय विमानन उद्योग पर परिदृश्य को ‘स्थिर’ बरकरार रखा है। इक्रा की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख किंजल शाह ने कहा कि उद्योग को वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 20-30 अरब रुपये का शुद्ध घाटा होने का अनुमान है।
यह विमानन कंपिनयों की बेहतर मूल्य निर्धारण शक्ति के समर्थन से अतीत में हुए घाटे की तुलना में काफी कम है। विमानन कंपनियों की लागत संरचना आमतौर पर दो प्रमुख घटकों विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों व रुपया / डॉलर की दरों पर निर्भर करती है। भाषा