महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी बसों में सफर करने वाले लोगों को झटका देते हुए किराया बढ़ा दिया है। सरकारी बसों के किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई। कई मुफ्त सेवाओं की वजह से महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम को हर महीने करीब 90 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था, इस घाटे को कम करने के लिए सरकार ने किराये में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।
सरकारी बसों के टिकट के दाम बढ़ाए जाने की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि महाराष्ट्र में सरकारी बसों के टिकट के दाम में आज से 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। महिलाओं को आधे दाम पर टिकट मिलते रहेंगे। साथ ही बुजुर्गों के लिए मुफ्त सफर का प्रावधान जारी रहेगा। मुंबई में टैक्सी का किराया चार रुपये प्रति किलोमीटर और ऑटो रिक्शा का किराया 3 रुपये प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। ऑटो का बेसिक किराया तीन 23 रुपये से बढ़ाकर 26 रुपये कर दिया गया है। बढ़ा हुआ किराया आज मध्यरात्रि से लागू हो जाएगा।
एमएसआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन साल से किराये में बढ़ोतरी नहीं की गई। हर साल पांच फीसदी के हिसाब से बढ़ोतरी होनी चाहिए इसलिए 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले 2022 में राज्य परिवहन सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें एमएसआरटीसी द्वारा संचालित बसों का किराया 17.17 प्रतिशत बढ़ाए जाने को मंजूरी दी गई थी। जिसे उसी साल अक्टूबर में लागू कर दिया गया था। एमएसआरटीसी की बसों का जाल पूरे महाराष्ट्र में फैला है और हर दिन 55 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। एमएसआरटीसी के बेड़े में 15 हजार बस हैं जो कि भारत में बसों का सबसे बड़ा बेड़ा है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक 30 महीने के बाद हुई जिसमें यात्री किराए को बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। यह प्रस्ताव महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानी एमएसआरटीसी ने पेश किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया। इस प्रस्ताव में एमएसआरटीसी ने ऑटोमेटिक फेयर रिविजन फॉर्मूला के अनुसार किराया बढ़ाए जाने की मांग की थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि किराया बढ़ाए जाने से हर दिन होने वाले 2-3 करोड़ की क्षति की भरपाई हो पाएगी।