अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं के आयात पर 26 फीसदी जवाबी शुल्क लगाया है जो कल से प्रभावी हो रहा है। ऐसे में महंगी वस्तुओं जैसे कि स्मार्टफोन, इंजीनियरिंग सामान और वाहन कलपुर्जों के निर्यातक नई दरें लागू होने से माल भेजने की होड़ में हैं। सीमा शुल्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के शुल्क पर अटकलों के कारण कई खेपें निर्धारित समय से पहले ही भेज दी गईं। कुछ निर्यातकों ने आपूर्ति में तेजी के लिए अपनी शिपिंग के तरीकों में भी बदलाव किया है।’
मुंबई की फ्लोमिक ग्लोबल लॉजिस्टिक्स के प्रबंध निदेशक लैंसी बारबोजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले सप्ताह भारत के प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर बाहर जाने वाले कार्गो की मात्रा 18 से 22 फीसदी बढ़ी है। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार जवाबी शुल्क भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े नौ बजे प्रभावी होंगे।
आदेश में कहा गया है कि 9 अप्रैल को पूर्वी डेलाइट समय के अनुसार रात 12.01 बजे से पहले लादे गए माल और भेजे गए जहाजों और रात 12.01 बजे के बाद उपभोग के लिए भेजे गए या गोदाम से निकाले गए माल पर जवाबी शुल्क की दरें लागू नहीं होंगी। विभिन्न देशों के लिए 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क 5 अप्रैल से लागू हो गया है। समयसीमा से पहले निर्यात करने के लिए विशेष रूप से इंजीनियरिंग सामान, कपड़ा और वाहनों के कलपुर्जा निर्यातक सक्रियता दिखा रहे हैं।
दक्षिण भारत की एक हवाई अड्डा संचालक फर्म के अधिकारी ने कहा कि हाल के दिनों में इलेक्ट्रॉनिक्स और दवा कंपनियों ने माल की खेप बढ़ा दी है। असल में कंपनियां शुल्क लगाने से पहले अपने माल को बाहर निकालने की जल्दी में हैं। इस पर सहमति जताते हुए इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, ‘हमने अमेरिका को शिपमेंट में तेजी ला दी है, जिससे स्मार्टफोन ले जाने वाले कार्गो की उड़ानों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’
फार्मास्युटिकल्स को ट्रंप के 2 अप्रैल के कार्यकारी आदेश से बाहर रखा गया था, लेकिन दो दिन बाद 4 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने उसे भी शुल्क के दायरे में लाने के संकेत दिए थे। इस पर भारतीय औषधि कंपनियों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है। मुंबई के पटेल इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स के कार्यकारी निदेशक महेश फोगला ने कहा, ‘हां, दवा उद्योग में भी जल्द से जल्द माल अमेरिका भेजने की होड़ मची हुई है क्योंकि ट्रंप दवाओं पर भी शुल्क लगाने वाले हैं।’
ब्रॉडबैंड उपकरण बनाने वाली कंपनी जीएक्स ग्रुप के सीईओ पारितोष प्रजापति ने कहा, ‘भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात उद्योग में निर्धारित समय-सीमा से पहले माल भेजने में काफी वृद्धि दिख रही है। भारतीय निर्यातक आउटबाउंड शिपमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं, कार्गो स्लॉट बुक हो चुके हैं और हवाई जहाज के जरिये आपूर्ति बढ़ गई है।’ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर सरकारी बंदरगाहों पर गतिविधियों में फिलहाल कोई असामान्य वृद्धि नहीं दिखी है।